स्वतंत्र आवाज़
word map

लंदन ओलंपिक खेलों का बहिष्कार नहीं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

नई दिल्ली। युवा कार्यक्रम और खेल राज्य मंत्री अजय माकन ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में जानकारी दी है कि डाउ कैमिकल्स के लंदन ओलंपिक प्रायोजन के संबंध में भारत ने अपने एथलीटों को लंदन ओलंपिक का बहिष्कार करने को नहीं कहा है। भारत ने डाउ कैमिकल्स के लंदन ओलंपिक प्रायोजन के बारे में ओलंपिक संघ के समक्ष विरोध दर्ज करने के लिए सरकार के कदमों के संबंध में खेल मंत्री ने बताया कि इस मामले को कूटनीतिक माध्यम से ब्रिटिश सरकार के साथ उठाया गया है। ब्रिटिश सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि डाउ कैमिकल्स का प्रायोजन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और डाउ कैमिकल्स कंपनी के बीच का समझौता है, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति तथा लंदन ओलंपिक खेल आयोजन समिति (एलओसीओडी) ने लंदन ओलंपिक खेलों के प्रायोजन से डाउ कैमिकल्स को हटाने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है।
अभी तक दिए गए प्रत्युत्तर को ध्यान में रखते हुए यह सहमति व्यक्त की गई है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के विभिन्न सदस्य देशों में स्थित हमारे मिशनों के माध्यम से इस मामले में कठोर और वाजिब दृष्टिकोण अपना कर इसे व्यापक जागरुकता उत्पन्न करने के लिए मेजबान सरकार तथा मेजबान देश के ओलंपिक एसोसिएशन के साथ लगातार उठाया जाना चाहिए। इससे इस मुद्दे पर कूटनीतिक जागरुकता उत्पन्न करने और हमारे रुख पर एक व्यापक समझ बनाने में मदद मिलेगी। इससे शेष विश्व को यह याद दिलाने में भी मदद मिलेगी कि भोपाल त्रासदी को भुलाया नहीं जा सकता और देश में निर्दोष पीड़ितों के प्रति गहरी सहानुभूति है। खेल राज्य मंत्री ने आगे कहा कि सरकार इस मुद्दे पर हमारी न्यायोचित शिकायत के बारे में अन्य ओलंपिक देशों में जागरुकता बढ़ाने और तीव्र जन संवेदनाओं के प्रति हमारे समर्थन को दोहराना जारी रखेगी।
माकन ने कहा कि इससे पहले भारत सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को निर्देश दिया था कि भोपाल गैस त्रासदी, 1984 के पीड़ितों की संवेदनाओं की और ध्यान आकर्षित करते हुए मैसर्स डाउ कैमिकल्स द्वारा लंदन ओलंपिक्स, 2012 के प्रायोजन संबंधी मामले को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के समक्ष पुरजोर ढंग से उठाया जाए। भारतीय ओलंपिक संघ को यह बताया गया था कि डाउ कैमिकल्स कंपनी के साथ अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति का संबंध ओलंपिक आयोजन के मूल नैतिक सिद्धांतों के विरुद्ध है। भारतीय ओलंपिक संघ ने इस संवेदनशील मुद्दे पर चिंताओं को जाहिर करते हुए यह मुद्दा आईओसी और लंदन ओलंपिक खेल आयोजन समिति (एलओसीओजी) के साथ उठाया और कहा कि लंदन ओलंपिक्स, 2012 को डाउ कैमिकल्स के प्रायोजित करने संबंधी निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए।
आईओए ने इस मुद्दे को आईओसी के साथ उठाने के प्रत्युत्तर में उत्तर दिया कि डाउ कैमिकल्स का भोपाल त्रासदी से कोई संबंध नहीं है क्योंकि इस दुर्घटना के 16 वर्ष बाद तक और भारत के उच्चतम न्यायालय से अनुमोदित 470 मिलियन अमेरिकी डॉलर मुआवजा के समझौते के 12 वर्ष बाद यूनियन कार्बाइड में डाउ कंपनी के स्वामित्व की कोई देयता नहीं है। मंत्रालय ने भी इस मामले को सीधे ही आईओसी के साथ उठाते हुए यह आग्रह किया कि छुटपुट प्रतिफलों को दरकिनार करते हुए मानवाधिकारों, करुणा और सहानुभूति के आदर्शों के व्यापक हितों में लंदन ओलंपिक, 2012 के लिए डाउ कैमिकल्स की प्रायोजकता को रद्द किया जाए और इस प्रकार लाखों लोगो की भावनाओं का सम्मान करते हुए, ओलंपिक आयोजन के उच्च आदर्शों को बनाए रखते हुए पूरे विश्व को एक स्पष्ट संदेश दिया जाए।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]