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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन ने नेशनल ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इस नेटवर्क के स्थापित होने से हाई स्पीड ब्राडबैंड कनेक्टीविटी की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सभी वर्ग के लोगों को ई-शिक्षा, ई-स्वास्थ्य, ई-कामर्स, ई-मनोरंजन, ई-गवर्नेंस संबंधी सेवाओं का लाभ उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने राज्य में नेटवर्क स्थापना के क्षेत्र में की गई उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि नेशनल ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क की स्थापना हो जाने से राज्य में स्थापित नेटवर्क और गतिशील हो जाएगा और शासकीय सेवाएं और त्वरित गति से दी जा सकेंगी।
परिवार कल्याण मंत्री अहमद हसन विज्ञान भवन नई दिल्ली में ‘इंप्लीमेंटेशन स्ट्रेटेजीज़ ऑफ नेशनल ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क’ विषय पर आयोजित स्टेट मिनिस्टर्स कॉफ्रेंस में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रतिभाग करते हुये नेशनल ऑप्टीकल फाइबर नेटवर्क विषय पर विचार प्रस्तुत कर रहे थे। अहमद हसन ने आईटी के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार की प्राथमिकताएं बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां समस्त बोर्ड्स के इंटरमीडियट पास कर रहे छात्रों-छात्राओं को लैपटॉप एवं दसवीं कक्षा पास कर रहे छात्रों को टैबलेट वितरित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में आईटी शिक्षा एवं आईटी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये भी राज्य सरकार आवश्यक कदम उठा रही है। भारत सरकार ने राज्य से मांगी सहायता के संबंध में अहमद हसन ने बताया कि राज्य सरकार इस पर विचार करेगी और इस संबंध में प्रमुख सचिव, सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति का गठन कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
अहमद हसन ने राज्य का मत प्रकट करते हुए यह भी कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर राज्य के उपलब्ध कराये जाने वाले स्थल पर भारत सरकार के संसाधनों से आवश्यक सिविल वर्क का कार्य पूर्ण कराते हुये आवश्यक आडियो, वीडियो संयंत्र भी उपलब्ध कराये जाएं, ताकि त्वरित गति से सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव होने के साथ ई-प्रशासन के माध्यम से शासकीय कार्रवाई में तेज़ी लायी जा सके। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत स्तर पर रोज़गार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम के कम से कम तीन परिवारों के गृहों तक लास्ट माइल कनेक्टीविटी की सुविधा भारत सरकार के संसाधनों से उपलब्ध करायी जाये, जिससे इस योजना का लाभ समाज की अंतिम कड़ी तक पहुंच सके।