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एटीएम से पैसा उड़ाने वाला एसटीएफ ने पकड़ा

बाप की मौत से भटका और अपराधी बन गया

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लखनऊ। बाप की मौत के बाद टूटा और भटका एक युवक धोखाधड़ी करने वालों के गिरोह में शामिल हो गया। वह एक समय बाद धोखाधड़ी कर दूसरों के एटीएम कार्ड इस्तेमाल करने वाले अंतरजनपदीय गैंग का सरगना भी बन गया। एसटीएफ उत्तर प्रदेश ने दावा किया है कि उसने इस युवक को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। गिरफ्तार युवक नीरज पांडेय पुत्र चंद्रमणि पांडेय निवासी ग्राम पूरा पैकुलिया थाना पैकुलिया जनपद बस्ती है, जिसके पास से देव शरण मौर्य के नाम का एक एसबीआई एटीएम कार्ड नंबर 6220180168800029568, एक पीएनबी एटीएम कार्ड नंबर-512652005989 मिला है, इसके अलावा उसके पास से उसके नाम का ड्राइविंग लाइसेंस नंबर 1834/बीएसटी/09, एक मोबाइल फोन डबल सिम और बिना नंबर की सफेद रंग की हीरो होंडा करिज्मा जेएमआर मोटर साइकिल बरामद हुई है।
एसटीएफ के अनुसार कुछ समय से जानकारी प्राप्त हो रही थी कि जनपद लखनऊ में कोई गैंग सक्रिय है, जो एटीएम फ्रॉड करके दूसरे व्यक्तियों के बैंक खातों से पैसा निकाल रहा है। एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी को इस अभिसूचना पर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया। उन्होंने बस्ती, गोंडा, बलरामपुर, बाराबंकी, लखनऊ आदि जनपदों में खाता धारकों के एटीएम से धोखाधड़ी कर पैसा निकालने की घटनाओं का विवरण एकत्र किया। जानकारी प्राप्त हुई कि थाना छपिया गोंडा में इसी प्रकार की घटना के संबंध में मुकदमा पंजीकृत है। इस घटना में देवशरण मौर्य नामक एसबीआई खाताधारक के एटीएम से धोखाधड़ी करते हुए 4.8 लाख रुपए माह फरवरी 2012 में अलग-अलग तिथियों एवं अलग-अलग स्थानों से निकाल लिये गये हैं। इसके अतिरिक्त मनकापुर, बभनान, बस्ती, गोंडा, हर्रैया, अयोध्या और लखनऊ आदि स्थानों से भी एटीएम कार्ड से धोखाधड़ी से पैसा निकाल लेने की जानकारियां प्राप्त हुईं। थाना छपिया पर पंजीकृत अभियोग की विवेचना के दौरान एक संदिग्ध धोखेबाज का फोटो एटीएम क्लिपिंग से प्राप्त हुआ, जिसकी पहचान नीरज पांडेय के रूप में हुई।
इस सूचना को विकसित करते हुए गोंडा जनपद के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया गया। नीरज पांडेय के लखनऊ में होने की सूचना पर गोंडा से एक टीम आई और एसटीएफ के साथ मिलकर उसने 28 मार्च 2012 को दोपहर करीब ढाई बजे लखनऊ के थाना महानगर क्षेत्र में क्लासिक चौराहा पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ पर नीरज पांडेय ने बताया कि उसके पिता आईटीआई मनकापुर के कर्मचारी थे, जिनकी मृत्यु के बाद उसकी मां आईटीआई में काम करने लगी। इस दौरान वह भटक गया और उसकी मुलाकात एक स्थानीय लड़के से हुई, जिसने उसे एटीएम से धोखाधड़ी कर पैसा निकालने के तरीके बताए। नीरज पांडेय ने बस्ती, मनकापुर, बभनान, अयोध्या, गोंडा और लखनऊ से कई एटीएम धारकों के कार्डो से धोखाधड़ी करते हुए लाखों रुपये निकालने का सफल प्रयोग किया। नीरज पांडेय ने इस धंधे में और भी कई साथियों के नाम पते बताये हैं। धोखाधड़ी से निकाले गये रुपयों में से नीरज पांडेय ने लग्भग 1 लाख रुपये की हीरो होंडा करिज्मा मोटर साइकिल खरीदी जो उसके पास से बरामद हुई है। वह लखनऊ की एक पॉश कालोनी में लगभग 6000 रूपए प्रतिमाह के किराये के मकान में भी रह रहा था।

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