स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। आर्थिक मामलों का विभाग, वित्त मंत्रालय हर साल सितंबर और दिसंबर में समाप्त तिमाही के लिए भारत के विदेशी कर्ज के बारे में तिमाही आंकड़े एकत्र करता है और जारी करता है। दिसंबर, 2011 की समाप्ति पर भारत का कुल विदेशी कर्ज 334.9 अरब अमरीकी डॉलर था, जो मार्च, 2011 की समाप्ति पर 306.1 अरब डॉलर था, जो 28.8 अरब अमरीकी डॉलर (9.4 प्रतिशत) की वृद्धि दिखाता है। विदेशी कर्ज में वृद्धि, व्यावसायिक उधार बढ़ने और अल्प अवधि के व्यापार ऋण के कारण हुई।
दिसंबर, 2011 की समाप्ति पर दीर्घकालिक ऋण 256.9 अरब अमरीकी डॉलर था, जिसमें मार्च, 2011 की समाप्ति पर 15.8 अरब (6.5 प्रतिशत) की वृद्धि हुई। अल्प अवधि का ऋण 13.1 अरब अमरीकी डॉलर (20.1 प्रतिशत) बढ़कर 78.1 अरब अमरीकी डॉलर हो गया। भारत का विदेशी कर्ज दिसंबर, 2011 की समाप्ति पर सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात का 20 प्रतिशत था अर्थात मार्च 2011 की समाप्ति पर 17.8 प्रतिशत। दिसंबर, 2011 की समाप्ति पर भारत के विदेशी कर्ज की सम्पूर्ण तिमाही रिपोर्ट वित्त मंत्रालय की वेबसाइट www.finmin.nic.in पर उपलब्ध है।