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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपीटीईटी-2011 की परीक्षा के रद्द किए जाने के प्रकरण से संबंधित समस्त पहलुओं पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है। यह समिति तीन सप्ताह में अपनी संस्तुति प्रस्तुत करेगी। यूपीटीईटी-2011 के अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल से गुरूवार को कालिदास मार्ग पर मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी तमाम समस्याओं का निराकरण जल्दी ही किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे इस परीक्षा में बैठने वाले युवाओं के भविष्य को अंधकारमय होने से बचा लें। प्रतिनिधिमंडल में शामिल अभ्यर्थियों ने कहा कि 2011 की परीक्षा को कथित अनियमितताओं के कारण रद्द न किया जाए, क्योंकि इसमें अधिकांश अभ्यर्थियों का कोई हाथ नहीं है।
मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि कुछ अधिकारियों और चंद अभ्यर्थियों की गलतियों की सजा लाखों अभ्यर्थियों को नहीं मिलनी चाहिए। इन लोगों ने यह भी कहा कि 9 नवंबर 2011 को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक सेवा नियमावली में किए गए 12वें संशोधन को भी यथावत बनाए रखना चाहिए, क्योंकि मेरिट पर आधारित यह व्यवस्था पूर्व में प्रचलित शैक्षणिक योग्यता के आधार पर अंक देकर चयन करने से ज्यादा बेहतर एवं पारदर्शी है।