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अमेरिका ने म्यांमार पर प्रतिबंध ढीले किए

राजदूत भी तैनात करेगा अमेरिका-हिलेरी क्लिंटन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

सू की और हिलेरी क्लिंटन/suu kyi and hillary clinton

वाशिंगटन। अमेरिका ने कहा है कि अब वह म्यांमार में अपना राजदूत तैनात करेगा। हाल में ही लोकतांत्रिक तरीके से उपचुनाव कराने वाले म्यांमार के साथ अमरीका ने अपने रिश्तों को सामान्य बनाने की घोषणा की है। राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन ने बुधवार को म्यांमार के वरिष्ठ नेताओं पर लगे यात्रा प्रतिबंध और पिछले दो दशक से ज्यादा समय से अमेरिकी निवेश से वंचित म्यांमार पर से कुछ प्रतिबंधों को हटाने का भी ऐलान किया।
अमेरिकी विदेश हिलेरी क्लिंटन ने म्यांमार में एक साल पहले सत्ता संभालने वाले सुधारवादी राष्ट्रपति थेन सेन की राजनीतिक बदलाव के लिए प्रशंसा की। इसके साथ उन्होंने सू की को उपचुनावों में जीत के लिए बधाई भी दी। हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि अगले कुछ दिनों में अमेरिका 1990 के बाद पहली बार म्यांमार के लिए अपने राजदूत का ऐलान करेगा, इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि वाशिंगटन वहां पर एक सहायता कार्यालय भी खोलेगा और संयुक्त राष्ट्र विकास फंड की गतिविधियों को रोकने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करना भी बंद कर देगा।
उधर म्यांमार की मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि वहां की सैन्य सरकार सू‌ की से छुटकारा नहीं पा सकेगी। म्यांमार में हुए उपचुनाव में जीतकर लंबे समय बाद देश की संसद में पहुंची लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की, हमेशा से ही वहां के सैन्य शासक के लिए भय का कारण बनी रहेंगी और जुंटा कभी भी उनसे छुटकारा नहीं पा सकेगा। ये बातें सू की की आत्मकथा लिखने वाले स्वीडिश लेखक जेसपर बैंगट्सन ने कही हैं। उन्होंने कहा कि 66 वर्षीय लोकतंत्र समर्थक नेता सू की उन लोगों के लिए शक्ति का केंद्र रहेंगी, जिनकी इच्छा एक अलग तरीके के म्यांमार को फलते-फूलते देखने की है। उन्होंने कहा कि वहां की सैन्य सरकार सू की को नज़रबंद करे या न करे, लेकिन एक बात तो तय है कि जुंटा को इस लोकतंत्र समर्थक नेता से अब छुटकारा नहीं मिलने वाला है।

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