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विश्वविद्यालय रोज़गारपरक पाठ्यक्रम चलाएं-राज्यपाल

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देहरादून। उत्तराखंड की राज्यपाल मार्ग्रेट आल्वा ने कहा कि विश्वविद्यालयों को राज्य के पर्यावरण और कृषि जैसे विषय आधारित ऐसे नए रोजगारोन्मुख पाठ्यक्रम चलाने चाहिएं, जो युवाओं को रोज़गार के लिए सक्षम करने के साथ-साथ उनके परंपरागत कौशल को बाजार की मांग के अनुरूप निखार सकें, इससे राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और लोगों को रोज़गार के अवसर भी मिलेंगे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल ने राज्य के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के लिए ‘डिस्टेंस एजूकेशन’ को विस्तार देकर सुदृढ़ भी करना होगा।
राजभवन के सभा कक्ष में हुई इस बैठक में राज्यपाल/कुलाधिपति ने नव स्थापित विश्वविद्यालयों के सफल संचालन के लिए उन्हें सभी प्रकार के अपेक्षित संसाधनों से सुसज्जित करने पर बल दिया। उन्होंने उद्यान एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार और पंतनगर विश्वविद्यालय के मध्य/परिसंपत्ति और शिक्षकों/कर्मियों के विभाजन के लिए शीघ्र ही शासनादेश जारी करने के प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा को निर्देश दिये। राज्य में उच्च शिक्षा की दशा और दिशा को स्तरीय एवं गुणवत्तायुक्त बनाने के लिए किये जा रहे प्रयासों के अंतर्गत आहूत इस बैठक में उच्च शिक्षा से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण विषयों एवं समस्याओं पर व्यापक विचार विमर्श एवं समीक्षा की गई।
राज्यपाल ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के संबद्ध कालेजों के संबद्धीकरण/मान्यता संबंधी प्रक्रिया में यूजीसी के मानकों एवं दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किये जाने के आदेश देते हुए कहा कि राज्य को उच्च शिक्षा के आदर्श केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए विश्वविद्यालयों को व्यापक प्रयास करने होंगे। कुलाधिपति ने प्रत्येक विश्वविद्यालय में ‘प्लेसमेंट सैल’ की स्थापना को आवश्यक बताते हुए कहा कि समय-समय पर इस सैल से किये जा रहे कार्यों का मूल्यांकन भी जरूरी है। बैठक में कुलपतियों की सेवा शर्तों, वेतन भत्ते आदि अन्य सुविधाओं पर भी चर्चा हुई। 
बैठक में विद्यार्थियों के लिए एडमिशन फार्म को ‘ऑन लाइन’ भी उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था, मूलभूत सुविधाओं से वंचित और कम विद्यार्थी वाले विश्वविद्यालयों को उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र के रूप में परिवर्तित करने, उच्च शिक्षा संबंधी विषयों/समस्याओं के अनुश्रवण और निस्तारण के लिए एडवाईजरी काउंसिल फॉर हायर एजुकेशन की स्थापना, विश्वविद्यालयों में रिक्त चल रहे शिक्षकों के पदों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप भरने, परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम समयबद्ध रूप में संचालित करने पर भी गहन मंथन किया गया। राज्यपाल ने निर्देश दिये कि सभी विश्वविद्यालयों के प्राइवेट विद्यार्थियों को मुक्त विश्वविद्यालय में स्थानांतरित कर दिया जाए।
प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा उत्पल कुमार ने आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय से संबंधित जो भी समस्याएं राज्य सरकार से समाहित की जानी हैं, उनका निस्तारण यथाशीघ्र किया जायेगा। बैठक में जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बीएस विष्ट, कुमायूं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वीपीएस अरोरा, तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ डीएस चौहान, संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ सुधारानी पांडेय, दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वीके जैन, मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ वीके पाठक, उद्यान एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मैथ्यू प्रसाद, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सत्येंद्र कुमार मिश्रा, राज्यपाल के प्रमुख सचिव अशोक, अपर सचिव सचिन कुर्वे, अपर सचिव शिक्षा निधि पांडेय, अपर सचिव वित्त आरसी अग्रवाल, अपर सचिव तकनीकी शिक्षा शैलेश बगोली, मंजुल कुमार जोशी, निदेशक उच्च शिक्षा और राज्यपाल के परिसहाय बरिंदरजीत सिंह आदि उपस्थित थे।

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