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न्यूज़ चैनलों पर सजा निर्मल बाबा का दरबार

डीडी मिश्रा

निर्मल बाबा-nirmal baba

नई दिल्ली। इन दिनों कई टीवी चैनलों पर निर्मल बाबा का दरबार सजा हुआ है। अचानक निर्मल बाबा के भक्तों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। टीवी चैनलों पर उनके कार्यक्रम के दर्शकों की संख्या में भी भारी इज़ाफा हुआ है, हालांकि उनके समागम का प्रसारण देश-विदेश के लगभग तीस से भी अधिक चैनलों पर होता है, जिन्हें खासी लोकप्रियता भी मिल रही है, उनके बीच कोई ब्रेक या विज्ञापन भी नहीं होता है। न्यूज़ 24 पर पिछले हफ्ते उनके कार्यक्रम की लोकप्रियता 52 प्रतिशत रही, जो शायद चैनल के किसी भी बुलेटिन या शो को नहीं मिल पाई है। चैनलों को इन प्रसारणों के लिए मोटी कीमत भी मिल जाती है, जिसका नतीजा है कि उन्होंने अपने सिद्धांतों और कायदे-क़ानूनों को भी ताक पर रख दिया है। नेटवर्क 18 ने तो निर्मल बाबा के समागम का प्रसारण अपने खबरिया चैनलों के साथ-साथ हिस्ट्री चैनल पर भी करा रखा है। कहते हैं कि इन सब के लिए नेटवर्क 18 की झोली में हर साल करोड़ रुपए से भी ज्यादा का बाबा का ‘आशीर्वाद’ पहुंच रहा है।
दरबार लगाकर लोगों की हर समस्या का समाधान करने वाले निर्मल बाबा आज करोड़पति हैं। चढ़ावा नहीं लेने वाले निर्मल बाबा के पास इतनी बड़ी रकम आती कहां से है? निर्मल बाबा हर समस्या का आसान सा उपाय बताते हैं और टीवी पर भी ‘कृपा’ बरसाते हैं। काले पर्स में पैसा रखना और अलमारी में दस के नोट की एक गड्डी रखना उनके प्रारंभिक सुझावों में से है। जिस ‘निर्मल दरबार’ का प्रसारण दिखाया जाता है, उसमें आ जाने भर से सभी कष्ट दूर कर देने की ‘गारंटी’ भी दी जाती है। बाबा को सिर्फ समागम का किराया, सुरक्षा इंतजाम और ऑडियो विजुअल सिस्टम पर खर्च करना पड़ता है, जो कि महज़ कुछ हज़ार रुपय़े होते हैं। समागम कुछ ही घंटों का होता है, जिसमें बाबा अपनी बात कहते कम और सुनते ज्यादा हैं। महज़ कुछ घंटे आने और कृपा बरसाने के लिए करोड़ों रुपये कमा लेने वाले निर्मल बाबा अपना कार्यक्रम भारत में उस जगह ही रखते हैं, जहां सारी सुविधाएं कम खर्चे में आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।

मोटी कमाई में एक छोटा, लेकिन अहम हिस्सा उस मीडिया को भी जाता है, जिसने बाबा को इतनी शोहरत दी है। हालांकि अब कुछ अनचाहे हिस्सेदार भी बढ़ गए हैं। पिछले महीने निर्मल बाबा को एक ‘भक्त’ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस तक की मदद लेनी पड़ी। लुधियाना के रहने वाले इंद्रजीत आनंद ने अपने परिवार के साथ मिल कर जालसाज़ी से बाबा को भेजे जाने वाले पैसों में से करोड़ रुपये अपने और अपने परिवार के खाते में डलवा लिए। पुलिस ने बताया कि निर्मल बाबा ने बैंक को शिकायत दी थी, बैंक ने जांच की, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया गया। उनके भक्त अपनी समस्या सुलझाने के लिए सवाल तो करते ही हैं, उन पर पिछले दिनों बरसी कृपा का गुनगान भी करते है। टीवी चैनलों पर उनके भाव विह्वल होकर सुनाए गए अनुभवों का प्रसारण भी किया जाता है, जिसमें भक्त के सभी कष्टों के निवारण का विवरण होता है।
दरबार में आने के लिए कार्यक्रम का यही हिस्सा लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। निर्मल बाबा की बढ़ती लोकप्रियता ने उन्हें चर्चा में ला दिया है। ट्विटर और फेसबुक पर निर्मल बाबा के प्रशंसकों का पेज है, जिसे लगभग चार लाख लोग पसंद करते हैं। इस पेज पर निर्मल बाबा के टीवी कार्यक्रमों का समय और उनकी तारीफ से जुड़ी टिप्पणियां हैं। हमारे पवित्र ग्रंथ गीता में खुद भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को ज्ञान देते हुए कहा था कि "कर्म किए जा, फल की इच्छा मत कर"। फिर गीता ही क्यों? संसार के समस्त धर्मों के पवित्र ग्रंथों का सार भी यही है। एक आम मनुष्य भगवान कभी नहीं बन सकता है। इन तथाकथित बाबाओं को लेकर पूर्व के अनुभव तो यही कहते हैं कि हमारी अंध श्रद्धा का फायदा उठाकर इनका कद इतना बड़ा हो जाता है, जिसकी आड़ में ये गलत काम करने से भी नही चूकते हैं। शासन से लेकर प्रशासन तक को इनकी खबर होती है, किंतु बाबाओं के ‘आशीर्वाद’ से सबकुछ सामान्य और अनुकूल रहता है।

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