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बाकू। व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहयोग पर द्वितीय भारत-अजरबैजान अंतर-सरकारी आयोग की बाकू में बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया, वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री, भारत सरकार और अजरबैजान गणराज्य के पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन मंत्री, हुसैनगुलू बागीरोव ने की। बैठक में सिंधिया ने दोनों देशों के बीच संपर्क की समस्या दूर करने के लिए एक अंतर उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा बनाए जाने की जरूरत पर जोर दिया, इससे समय और परिवहन खर्च की बचत होगी। उन्होंने जल्दी ही एक द्विपक्षीय निवेश प्रोत्साहन और संरक्षण समझौते और दोहरे कराधान से बचने के समझौते को अंतिम रूप दिये जाने की पैरवी की, ताकि दोनों देशों के बीच निवेश का प्रवाह हो और निवेशकों का विश्वास बढ़े।
बैठक के बाद एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए जिसमें सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों, जैसे औषधि उद्योग, ऊर्जा, परिवहन, कृषि और सूचना टेक्नोलॉजी क्षेत्रों की पहचान की गई और मौजूदा रुकावटों को दूर करने के उपाय सुझाए गए। सिंधिया ने भारत और अजरबैजान के बीच निवेश प्रोत्साहक एजेंसियों में संस्थागत संपर्क स्थापित किये जाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि अभी दोनों देशों के बीच निवेश मामूली स्तर पर है। उन्होंने पेट्रालियम, सूचना टेक्नोलॉजी, खाद्य प्रसंस्करण और औषधि उद्योग को अधिकतम संभावना वाले क्षेत्र बताया। बाकू प्रवास के दौरान सिंधिया ने अजरबैजान गणराज्य के राष्ट्रपति इल्हाम हेदारोग्लू अलीएव से भेंट की। दोनों नेताओं ने समग्र संबंधों पर चर्चा की। उनका ख्याल था कि मौजूदा आर्थिक संबंध उतने काफी नहीं हैं, जितने हो सकते हैं। अजरबैजान के राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश, भारत के साथ आर्थिक संबंधों को बहुत महत्व देता है।
दोनों नेताओं ने उम्मीद जाहिर की कि अगले एक-दो वर्षों में आपसी व्यापार काफी बढ़ेगा। सिंधिया ने दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं की एक दूसरे की पूरक बातों की चर्चा की और उन्हें आपसी हित के लिए और बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने भारत की ओर से अजरबैजान में तेल और गैस की खोज और विकास में शामिल होने की भारत की इच्छा जताई और भारतीय व्यापारियों के लिए वीजा से संबंधित मुद्दे भी उठाए। सिंधिया ने वहां के वाणिज्य और उद्योग मंत्री, शाहीन मुस्तफाएव से मुलाकात की। वह आर्थिक विकास मंत्री से भी मिले और आर्थिक संबंधों से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।