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नई दिल्ली। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नया नामकरण किया गया है। इस विभाग को अब से इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के नाम से जाना जाएगा। हाल ही में मंत्रिमंडल सचिवालय ने भारत सरकार (व्यवसाय आवंटन) नियम 1961 को संशोधित किया था तथा सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नया नाम इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग कर दिया था। शुरू में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को इलेक्ट्रॉनिकी विभाग कहा जाता था। अक्तूबर 1999 में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय बनाया गया, लेकिन दूरसंचार विभागों और दिसंबर 2001 में मंत्रालय में पदों के विलय के साथ विभाग ने अपना वर्तमान नाम सूचना प्रौद्योगिकी विभाग हासिल किया।
हालांकि हाल के वर्षों में यह महसूस किया जा रहा था, कि इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र को सरकार पर्याप्त महत्व नहीं दे रही है, इसके फलस्वरूप उद्योग, शिक्षाविदों और अन्य हितधारकों जैसे विभिन्न वर्गों ने मांग की कि विभाग को इलेक्ट्रॉनिकी क्षेत्र पर ध्यान बढ़ाना चाहिए, विभाग का नया नामकरण इसी दिशा में प्रतीकात्मक कदम है। विभाग देश में इलेक्ट्रॉनिकी प्रणाली डिजाइन एवं निर्माण पर नए सिरे से बल देने के लिए अनेक कदम उठा रहा है। इलेक्ट्रॉनिकी पर नई राष्ट्रीय नीति तैयार की जा रही है तथा उसका मसौदा संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पिछले अक्तूबर में जारी किया था। इस नीति में देश में इलेक्ट्रॉनिकी प्रणाली डिजाइन एवं निर्माण के विकास के लिए रूपरेखा तैयार की गई है।
इलेक्ट्रॉनिकी पर राष्ट्रीय नीति के मसौदे में की गई घोषणाओं में से एक यह है कि विभाग का नया नाम इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग रखा जाएगा, तदनुसार नए नाम के प्रस्ताव पर विचार किया गया, जिसके फलस्वरूप विभाग के नाम में परिवर्तन किया गया। उम्मीद की जाती है कि इस कदम से इस क्षेत्र में घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशकों में भी सकारात्मक संदेश जाएगा। सरकार और सरकारी विभागों में इससे इलेक्ट्रॉनिकी संबंधी नीतिगत प्रयासों को अधिक प्राथमिकता मिलेगी। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने 19 अप्रैल को नई दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन में एक समारोह में इसका औपचारिक नामकरण किया।