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यूपी की सिंचाई परियोजनाओं का मांगा केंद्रांश

शिवपाल यादव की केंद्रीय मंत्री पवन बंसल से भेंट

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पवन बंसल और शिवपाल सिंह यादव-pawan bansal and shivpal singh Yadav

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने गुरूवार को नई दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल से प्रदेश की सरयू नहर एवं शारदा सहायक प्रणाली को नेशनल प्रोजेक्ट घोषित किये जाने और इन परियोजनाओं के लिए प्रस्तावित 3200 करोड़ रुपये के केंद्रांश को दिये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से सरयू क्षेत्र के 9 जिलों में 14 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित होगी। शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की तीन परियोजनाओं, 332 करोड़ रुपये की बदायूं सिंचाई परियोजना, 652 करोड़ रुपये की कन्हर बांध परियोजना तथा 217 करोड़ रुपये की गंडक नहर प्रणाली पुनरोद्धार परियोजनाओं को एआईबीपी कार्यक्रमों में सम्मिलित करने का अनुरोध किया। इन परियोजनाओं को केंद्र सरकार ने वर्ष 2010 में इंवेस्टमेंट क्लीयरेंस भी दे दिया था। उन्होंने इन परियोजनाओं के अलावा बुंदेलखंड क्षेत्र की 316 करोड़ रुपये की भोरट बांध परियोजना तथा 184 करोड़ रुपये की जमरार बांध परियोजना को भी एआईबीपी में शामिल करने की मांग रखी।
सिंचाई मंत्री ने पिछले लगभग पांच सालों का बकाया अवशेष केंद्रीय अनुदान 126.35 करोड़ रुपये अवमुक्त करने का भी आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय जल मंत्री को यह भी बताया कि एआईबीपी के अंतर्गत संचालित 660.07 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं के 237 करोड़ का केंद्रांश लंबित है और उसे जारी कराने का अनुरोध किया। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि एआईबीपी योजना में वर्ष 1996-97 से वर्ष 2010-11 तक केंद्रीय सरकार ने समस्त राज्यों हेतु स्वीकृत लगभग 51925 करोड़ रुपये के सापेक्ष उत्तर प्रदेश को मात्र 3316.30 करोड़ रुपये ही उपलब्ध कराये जो कुल राशि का मात्र 6.39 प्रतिशत है। इस योजना के अंतर्गत समानुपातिक आधार पर उत्तर प्रदेश को कम से कम 7010 करोड़ रुपये की धनराशि मिलनी चाहिए। शिवपाल सिंह यादव ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री को बताया कि उत्तर प्रदेश में हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका से लाखों हेक्टेयर क्षेत्रफल की खड़ी फसल का नुकसान हो जाता है। अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप की कुछ बहुउद्देशीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में काफी हद तक बाढ़ की समस्या पर अंकुश लग सकता है।
शिवपाल सिंह यादव ने शारदा नदी, जो नेपाल में महाकाली नदी के नाम से जानी जाती है, पर प्रस्तावित पंचेश्वर बांध बहुउद्देशीय परियोजना, करनाली नदी एवं उसकी सहयोगी नदियां, जो उत्तर प्रदेश में घाघरा नदी के नाम से जानी जाती हैं, पर प्रस्तावित करनाली बांध बहुउद्देशीय परियोजनाओं तथा राप्ती नदी पर प्रस्तावित मैमूरे बांध परियोजना के निर्माण में केंद्र से सहयोग करने की मांग की है। सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव की इस संबंध में की गई पहल पर केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने उन्हें अवगत कराया कि केंद्र सरकार के स्तर पर एआईबीपी तथा बाढ़ की बची हुई धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश दे दिये गये हैं। उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री में सिंचाई सुविधाओं तथा बाढ़ से निपटने के लिए लगभग 5000 करोड़ रूपए के निवेश पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने प्रदेश की एआईबीपी परियोजनाओं तथा बाढ़ से बचाव के लिए धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश ‌भी दे दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में बाढ़ प्रबंधन हेतु केंद्र पुरोनिधानित योजना के अंतर्गत 26 परियोजनाओं के लिए स्वीकृत 194.78 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि को भारत सरकार से जारी कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की इम्पावर्ड कमेटी से स्वीकृत 112 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में 75 प्रतिशत केंद्रांश की धनराशि यदि तत्काल मुक्त करा दी जाए तो बाढ़ से निपटने का कार्य समय पर पूरा करा लिया जाएगा। उन्होंने 748 करोड़ रुपये की 25 परियोजनाओं के जीएफएफसी पटना द्वारा टेक्नीकल अप्रैजल के संबंध में शीघ्र कार्रवाई का भी आग्रह किया। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि माइक्रो इरिगेशन सिस्टम सहित 132 करोड़ रुपये की लागत के 340 गहरे (डीप) राजकीय नलकूपों की तत्काल स्वीकृति आवश्यक है, इसके तहत असिंचित क्षेत्रों में सिंचाई के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र के जालौन, बांदा तथा हमीरपुर जिलों में 100-100 एवं झांसी में 40 नलकूप लगाए जाएंगे।
पवन कुमार बंसल ने शिवपाल सिंह यादव को आश्वस्त किया कि उत्तर प्रदेश की सभी परियोजनाओं पर सकारात्मक रुख अपनाया जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार के हाल में उठाये गये मुद्दों की सराहना करते हुए कहा कि सरयू नहर एवं शारदा सहायक प्रणाली को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने की प्रक्रिया पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा। इसके अलावा बुंदेलखंड क्षेत्र की परियोजना को एआईबीपी में सम्मिलित करने के लिये सैद्धांतिक सहमति भी बनी। बाढ़ की परियोजनाओं को वरीयता पर स्वीकृत करने का मत भी व्यक्त किया गया। प्रमुख सचिव सिंचाई दीपक सिंघल, मुख्य अभियंता सिंचाई एके ओझा, मुख्य अभियंता अग्रिम नियोजन आनंद मोहन प्रसाद, अधीक्षण अभियंता एसके शर्मा, अधिशासी अभियंता ओखला राजीव यादव के साथ केंद्र सरकार की तरफ से कमिश्नर (पीआर) प्रदीप कुमार, मुख्य अभियंता शारदा सहायक एसके मार्कंडेय, जल संसाधन मंत्री के निजी सचिव राहुल भंडारी, संयुक्त कमिश्नर (गंगा) एएसपी सिन्हा इस अवसर पर मौजूद थे।

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