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मैक्सिको। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि दोहा वार्ता दौर में पहली बार विकास के एजेंडे को केंद्र में रखने की आवश्यकता को मान्यता दी गई है और केवल ऐसा ही मुद्दा वैश्विक स्तर पर मान्य होगा। मैक्सिको में प्यूरेटो वलार्टा में जी-20 के व्यापार मंत्रियों की बैठक में आनंद शर्मा ने कहा कि हमें पहले सभी देशों के लिए एक जैसा स्तर बनाने की कोशिश करनी चाहिए, तभी हम उन्हें बराबरी के स्तर पर स्पर्धा के लिए कह सकते हैं। पिछली बैठकों में हमने जो वायदे किए हैं, उन्हें पूरा करने, जो फैसले किए हैं, उन्हें लागू करने और दोहा विकास दौर में जो घोषणाएं हुई हैं, उनके प्रति ईमानदार रहने की आवश्यकता है, तभी व्यापार के मामले में नया प्रस्ताव उभर कर सामने आ सकता है, जो व्यापार को आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण गतिविधि के रूप में स्थापित करेगा।
आनंद शर्मा ने कुछ सेवा क्षेत्रों को चुनकर आपसी समझौते से छोटे-छोटे क्लब बनाने की कोशिश के प्रति भी अगाह किया और कहा कि इससे न केवल दोहा दौर का नाजुक संतुलन बिगड़ेगा, बल्कि विश्व व्यापार संगठन की भी महत्ता कम होगी, इस प्रकार के अनुबंध भेदभावपूर्ण होंगे और इनका लाभ केवल भागीदार देशों तक ही सीमित रहेगा, इससे पूरी वार्ता प्रक्रिया को भी नुकसान पहुंचेगा। भारत की सेवा क्षेत्र समझौते में विशेष रुचि है, लेकिन सेवा क्षेत्र से संबंधित मौजूदा प्रस्ताव मुख्य मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं, जो संबद्ध व्यक्तियों की आवाजाही से संबंधित हैं। वीजा, प्रवेश प्रक्रियाओं और शैक्षिक योग्यताओं की परस्पर मान्यता न होने के कारण, उनकी आवाजाही में रुकावट आती है।
आनंद शर्मा ने कहा कि श्रमिकों की आवाजाही मुख्यतया राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित रहती है, लेकिन पूंजीगत निवेश और प्रौद्योगिकी एक देश से दूसरे देश आसानी से जा सकती है। अंतर्देशीय कंपनियों के उभरने की चर्चा करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र का विकास दुनियाभर के देशों के लिए राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे लाखों लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं जुड़ी हैं। लोकतंत्रीय तरीके से चुने गए नेता इसके महत्व को और अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं। व्यापार को सुविधाजनक बनाने के संबंध में आनंद शर्मा ने कहा कि शुल्क दरें कम करने और पाबंदियां हटाने के बाद अब व्यापार प्रक्रियाओं को और खास तौर पर सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर ध्यान देने की आवश्यकता है।