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भारत-अमरीका के रिश्ते और मजबूत हुए-प्रणब

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बैठक-meeting

वाशिंगटन। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि‍ भारत और अमरीका के बीच संबंध एक समान मूल्‍यों पर आधारि‍त हैं और हाल के वर्षों में ये संबंध मजबूत हुए हैं। क्षेत्रीय और वैश्‍वि‍क मुद्दों पर समान हि‍तों की दृष्‍टि‍ से दोनों देशों के बीच वैश्‍वि‍क सामरि‍क भागीदारी के संबंध वि‍कसि‍त हुए हैं। गुरूवार को वाशिंगटन डीसी में अमरीका के वित्त मंत्री ति‍मोथी गीथनर के साथ भारत-अमरीका द्वि‍पक्षीय बैठक में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि ‍हमारे राजनीति‍क और सामरि‍क संबंध अभूतपूर्व स्‍तर तक पहुंच गए हैं। रक्षा, आतंकवाद-रोध, व्‍यापार, नि‍वे‍श, वि‍ज्ञान और प्रौद्योगि‍की, शि‍क्षा और ऊर्जा सहि‍त सभी क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं।
द्वि‍पक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने आर्थिक और वित्तीय क्षेत्रों में आपसी सहयोग तथा वि‍श्‍व अर्थव्‍यवस्‍था की स्‍थि‍ति ‍के बारे में चर्चा की। वाशि‍गटन डीसी में भारतीय दूतावास के अधि‍कारि‍यों के अनुसार बैठक में वि‍देशी नि‍वेश और कर संबंधी मामलों पर भी चर्चा हुई। ति‍मोथी गीथनर ने भारत के आयकर कानून की कर व्‍यवस्‍थाओं में पि‍छली तारीख से प्रस्‍तावि‍त कुछ संशोधनों का मुद्दा उठाया। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि‍ करों में कोई ठोस परि‍वर्तन नहीं हैं, बल्‍कि‍ ये परि‍वर्तन स्‍पष्‍टीकरण की दृष्‍टि‍ से हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि ‍जो मामले पहली अप्रैल, 2012 तक तय हो चुके हैं, उन्‍हें फि‍र से नहीं खोला जा सकता। इसके अलावा भारतीय कर कानून इस बारे में बि‍ल्‍कुल स्‍पष्‍ट है, कि ‍जि‍न कंपनि‍यों को भारत में उनकी संपत्ति‍यों पर पूंजीगत लाभ होता है, उन्‍हें भारत में या अपने देश में इस संबंध में कर अदा करना होगा। यह मामला दोहरे कराधान का नहीं है, बल्‍कि ‍यह सुनि‍श्‍चि‍त करने का है कि ‍कंपनि‍यां करों का भुगतान करें।

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