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लखनऊ।उत्तर प्रदेश विधान सभा की 11 और लोकसभा की फिरोजाबाद सीट के लिए हुए उपचुनाव में बसपा के मंत्रियों, विधायकों और उसके गुंडों ने कई जगहों पर निष्पक्ष मतदान के दावे को हवा में उड़ा दिया। बूथों पर कब्जों और सीनाजोरी की वारदातें लगभग हर जगह हुईं। खुलकर चुनाव आचार संहिता की धज्जियां उड़ाई गई। चुनाव आयोग के पर्यवेक्षक मजाक बनकर रह गए। ऐसा लग रहा था कि जैसे बसपाइयों को सबकुछ करने की छूट मिली हुई है। प्रलोभन और सत्ता के दुरूपयोग का सभी जगह खुला प्रदर्शन हुआ।
जौनपुर में रारी विधानसभा क्षेत्र में कई बूथों पर समाजवादी पार्टी ने पुर्नमतदान की मांग की है। यहां के सांसद और रारी से अपने पिता को बसपा से चुनाव लड़ा रहे धनंजय सिंह ने कई बूथों पर या तो मतदान नही होने दिया या फिर उन बूथों पर कब्जा कर लिया। पुलिस ने सपा के कई वरिष्ठ नेताओं को घर से नही निकलने दिया। जिला प्रशासन बसपा के प्रत्याशी की भरपूर मदद करता दिखाई दिया। इन चुनावों को प्रभावित करने का हरेक हथकंडा अपनाया गया। बसपा के मंत्री, विधायक और सांसद अपराधियों को संरक्षण देते रहे। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को धमंकियां दी गईं। आचार संहिता लागू होने के बावजूद बसपा के मंत्री, विधायक मनमानी करते रहे। निर्वाचन आयोग तमाम शिकायतों पर कार्रवाई से बचता रहा।
समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि इसौली (सुल्तानपुर) विधान सभा क्षेत्र में प्रशासनिक मशीनरी ने बसपा का खुलकर साथ दिया। वहां बसपा विधायक अपराधियों के साथ मिलकर बूथ कब्जा करते रहे। इनमें विधायक अजय सिंह, विधायक, राजेन्द्र कुमार, अखंड प्रताप सिंह, पंकज सिंह, संगम सिंह आदि ने बूथ संख्या 125, 126, 127,135, 136, 137, 186, 187, 200, 201, 202, 203, 205, 206 पर कब्जा कर लिया और फर्जी मतदान कराया। इसी प्रकार रारी (जौनपुर) में बसपा सांसद धनंजय सिंह ने 50 से ज्यादा बूथों पर कब्जा कराया। जौनपुर में कन्ट्रोल रूम में शिकायतें दर्ज नहीं की गई। बूथ संख्या 53, 100, 101, 102, 114, 117, 109, 180, 163, 223, 267 तक 341 से 345 तक पर कब्जे हुए। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव, पूर्व सांसद को पुलिस ने घर से बाहर नहीं निकलने दिया। सपा का कहना है कि उन्हें अवैध नजरबंदी में रखा गया। सपा का आरोप है कि पुवायां, भरथना, इटावा एवं हैसरबाजार में भी बूथ कब्जा हुआ है, भरथना में गीतम सिंह नाम का एक अपराधी दिनभर पुलिस के सामने मतदाताओं में दहशत फैलाता रहा।
समाजवादी पार्टी ने कहा है कि उसने चुनाव आयोग से मिलकर स्वतंत्र चुनाव में बाधा पड़ने की शिकायतें की थीं तो भी सुरक्षा बलों का पूरा इंतजाम नहीं किया। समाजवादी पार्टी के मतदाताओं को जगह-जगह रोका गया और उनके मतदान में बाधाएं डाली गईं। निर्वाचन आयोग निष्क्रिय बना रहा। समाजवादीपार्टी का दावा है कि इसके बावजूद उपचुनाव में जनता ने हर प्रकार की गुंडागर्दी का मतदान के जरिए जवाब दिया है।