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मेरठ। मेरठ के जिला कारागार में कैदियों और बंदीरक्षकों के बीच हुई हिंसक घटना के बाद सुना जा रहा है कि कैदियों को बर्बरतापूर्वक पीटा गया है। जेल में कई कैदी पिटाई से घायल हैं और जेल को पूरी तरह से दहशत में बदल दिया गया है। कैदियों को तंग बैरकों में यातनाएं दी जा रही हैं, किसी भी तरह की ख़बर बाहर नहीं आ रही है, मुलाकात पर भी सख्त निगरानी है और जो लोग जेल से बाहर आ रहे हैं उनके मुख से सुना गया है कि जेल के अंदर के हालात बहुत बुरे हैं, यातनापूर्ण हैं, कैदी जेल प्रशासन की यातनापूर्वक कार्रवाई से थर्राए हुए हैं।
जिलाधिकारी मेरठ ने इस प्रकार की किसी भी कार्रवाई से इंकार किया है और कहा है कि घटना की मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है और मजिस्ट्रेट बार-बार वहां आ जा भी रहे हैं, उन्होंने भी स्वयं शुक्रवार को जेल का दौरा किया था। एसएसपी मेरठ से जब इस संबंध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने केवल इतना कहा कि वहां की मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है, उनसे जब कैदियों की पिटाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मोबाइल फोन काट दिया और फिर उन्होंने फोन नहीं उठाया। इससे यह संशय बना हुआ है कि कुछ न कुछ है जिसे छिपाने की कोशिश की जा रही है।
जेल प्रशासन और बंदियों के बीच बाहरी सामान के आदान-प्रदान को लेकर हुए एक विवाद के बाद बंदीरक्षकों और कैदियों में झगड़ा हुआ था। मेरठ का जिला प्रशासन और कारागार प्रशासन ने इस झगड़े के बाद कैदियों से एक तरह से बदला चुकाया है। जेल प्रशासन और जिला प्रशासन इस बारे में कुछ भी नहीं बता रहा है, बस यही बताया जा रहा है कि इस संबंध में विधिक कार्यवाही की जा रही है।
जिला कारागार मेरठ में कैदियों का बंदी रक्षकों से वाद-विवाद हो जाने के फलस्वरूप कैदियों ने मेस में रखे गैस सिलेंडर व डिप्टी जेलर के कार्यालय में आग लगा दी और बंदी रक्षकों पर पथराव किया। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया तथा फायर बिग्रेड से आग बुझायी गयी। जेल प्रशासन का कहना है कि कैदियों के पथराव से डिप्टी जेलर, कुछ पुलिस कर्मी और बंदी रक्षक तथा कुछ कैदी घायल हुए हैं।
सरकारी अधिकारी के अनुसार घटना के बारे में प्रथम दृष्टया प्रकाश में आया है कि 17 अप्रैल की सायं बंदी रक्षकों ने न्यायालय में पेशी के उपरांत जेल में कैदियों को दाखिल करते समय एक कैदी को लाइटर ले जाने से रोका था। अगली सुबह कैदी के साथियों ने उस बंदीरक्षक को ब्लेड से घायल कर बंदी रक्षकों पर पथराव शुरू कर दिया और जेल में आगजनी शुरू हो गई। प्रशासन की ओर से बताया गया है कि इस संबंध में विधिक कार्यवाही की जा रही है।