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महिला कल्याण मंत्री ने समीक्षा में सख़्ती दिखाई

उप निदेशक को कड़ी चेतावनी, पात्र को ही पेंशन मिले

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमारी कोरी ने विभागीय अधिकारियों की बैठक की और अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि महिला कल्याण विभाग अतिसंवेदनशीन विभाग है। इस विभाग में कार्य करने वाले हर अधिकारी को अपने दायित्वों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए तभी इस विभाग के विकास कार्यों एवं महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं को क्रियान्वित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ अप्रिय घटनाएं न होने पाएं, इसके लिए हम सभी को मिलजुल कर कार्य करना होगा।
महिला कल्याण मंत्री ने विभागीय बैठक में प्रस्तुत की गयी बुकलेट को आधी अधूरी जानकारी से युक्त बताते हुए विभाग की उप निदेशक आरती श्रीवास्तव को फटकार लगाई और कड़े निर्देश देते हुए कहा कि यदि बुकलेट को भविष्य में ठीक ढंग से नही तैयार किया गया तो सीधे निलंबित कर दिया जाएगा। उन्होंने कई जनपदों में अपने भ्रमण-निरीक्षण के दौरान पाये गये आधे अधूरे कार्यों के प्रति असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने जिलों के उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी अधिकारी अपने-अपने जनपदों में विधवा पेंशन व अन्य योजनाओं का जिलाधिकारी के माध्यम से टीम गठित करके सत्यापन कराएं। विधवा पेंशन वितरित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी लाभार्थियों के खाते राष्ट्रीयकृत बैंकों में ही खोले जाएं और पेंशन की धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जाए, किसी भी दशा में प्राईवेट बैंक में लाभार्थी के खाते न खुलवाएं जाएं, विधवा पेंशन का लाभ पात्र को ही दिया जाए और यदि जांच में कोई कुपात्र पाया जाता है तो तत्काल उसकी पेंशन बंद करायी जाए।
महिला कल्याण मंत्री ने कहा कि अधिकारी महिला कल्याण योजनाओं का निरीक्षण एवं क्रियान्वयन करने में अपना पूरा-पूरा सहयोग दें। प्रदेश में महिला सम्प्रेक्षण गृह के कर्मचारियों और अधिकारियों की उदासीनता पर गहरा असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कड़ाई से कहा कि इलाहाबाद जैसी घटना की कहीं भी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए, यदि कोई भी अधिकारी इस प्रकार के कार्यों में संलिप्त पाया गया या उसकी सूचना मिली तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। सरकार की छवि को धूमिल करने वाले अधिकारियों को किसी भी दशा में नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने कहा कि बालगृह में आने वाले दान को पंजिका पर अंकन किया जाना सुनिश्चित किया जाए और निरीक्षण के दौरान ऐसे महत्वपूर्ण अभिलेखों को भी देखा जाए।
प्रमुख सचिव समाज कल्याण सदाकांत ने विभाग के क्रियाकलापों पर प्रकाश डालते हुए विभागीय योजनाओं के संबंध में महिला कल्याण मंत्री को अवगत कराया। प्रमुख सचिव ने बैठक में सभी अधिकारियों को अपने कार्यों के प्रति सचेत रहने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गलत कार्यों में संलिप्त पाये जाने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। रोजगारपरक ट्रेनिंग को ठीक ढंग से चलाया जाना सुनिश्चित किया जाए। कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से किये जाने वाले कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाए, जो संस्थाएं ठीक से कार्य नहीं करतीं उन्हें किसी भी दशा में पैसा न दिया जाए। बैठक में विभागीय मंत्री एवं प्रमुख सचिव, निदेशक महिला कल्याण, उप निदेशक, अनु सचिव तथा समस्त जिलों के जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं मंडल स्तर के अधिकारी उपस्थित थे।

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