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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकारी आवास कालीदास मार्ग पर पहला जनता दर्शन हुआ तो उसमें बड़ी तादाद में लोग अपना दुःख-दर्द और अन्य समस्याएं लेकर पहुंचे। इंसाफ और मदद की उम्मीद के साथ प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों से स्त्री, पुरूष और युवा पहुंचे। मुख्यमंत्री ने इन सबके पास जाकर उनकी समस्या को धैर्यपूर्वक सुना और उनके निस्तारण के आदेश दिए। राज्य की जनता को बड़े लंबे समय के बाद यह अवसर प्राप्त हुआ जब उसने अपने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याओं और अधिकारियों के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली। मुख्यमंत्री को भी जिलों की समस्याओं से सीधे रू-ब-रू होने का अवसर प्राप्त हुआ। इस तरह अखिलेश यादव को एक मुख्यमंत्री के रूप में जमीनी सच्चाईयों की जानकारी मिलने से व्यवहारिक कठिनाईयों से निपटने से सहायता मिलेगी और जिलों का सही-सही फीडबैक भी मिल सकेगा।
जनता दर्शन का सिलसिला अपरान्ह साढ़े तीन बजे तक लगातार चलता रहा। मुख्यमंत्री ने अपने अन्य कार्यक्रमों को भी दरकिनार करते हुए जनता की समस्याओं के समाधान को सर्वोच्च वरीयता दी और जनता दर्शन में आए प्रत्येक फरियादी की बात को सुना। गौरतलब है कि जनता दर्शन के लिए प्रातः 9 बजे से 11 बजे तक ही समय निर्धारित है। अनेक मामलों में मुख्यमंत्री ने उसी समय जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक से सीधे फोन पर बात कर समस्या का निराकरण करने के निर्देश दिए। जनता दर्शन में लगभग 5 हजार से अधिक प्रार्थना-पत्र प्राप्त हुए।
अखिलेश यादव ने इस अवसर पर कहा कि उनकी सरकार जनता की सरकार है और वे जनता के हितों की अनदेखी किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं करेंगे, जन समस्याओं का प्रभावी निस्तारण राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है, इसलिए अधिकारियों को लोगों की दिक्कतों के प्रति संवेदनशील होकर समस्याओं का समाधान करना ही होगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अधिकारी जनता दर्शन की शिकायतों का प्राथमिकता से निस्तारण सुनिश्चित करते हुए प्रार्थी को भी अवगत करायें। उन्होंने मामलों के समाधान के पश्चात् अनुपालन आख्या मुख्यमंत्री सचिवालय को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं।
जनता दर्शन में अनेक फरियादी ऐसे भी थे, जो अपने परिवार के किसी सदस्य के इलाज या अपनी पुत्री की शादी के लिए जरूरी धनराशि की व्यवस्था करने में असमर्थ थे। ऐसे लोगों ने जब मुख्यमंत्री से आर्थिक मदद की गुहार की तब उन्होंने अपनी संवेदनशीलता का परिचय देते हुए आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए। कुछ ऐसे लोग भी आए थे, जिन्हें तुरंत इलाज की आवश्यकता थी, ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री ने आवश्यकतानुसार तुरन्त अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज कराने के निर्देश दिए। इलाहाबाद की सोरांव तहसील के फूलचंद के 15 साल के बेटे के इलाज के लिए मुख्यमंत्री ने आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिये। इटावा के सेउपुर गांव के देवेंद्र तिवारी को भी उनके 8 साल के बेटे के गुर्दों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री की उदारता का लाभी मिला। बुलंदशहर की गुलावटी तहसील के ग्राम भ्रामरा से आए लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके गांव में लंबे समय से विकास कार्य नहीं हुए हैं और गांव में बिजली की सुविधा भी नहीं है, जिस पर मुख्यमंत्री ने गांव का विद्युतीकरण और अन्य विकास कार्य कराने के निर्देश दिये।
जनता दर्शन में बड़ी संख्या में विशिष्ट बीटीसी के तहत तैनात अध्यापकों ने अपने स्थानांतरण के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया, जिस पर उन्होंने अधिकारियों को नीति तैयार करने के निर्देश दिये। मृतक आश्रित के तौर पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने को लेकर कई लोगों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई जिन पर मुख्यमंत्री ने नियमानुसार तत्काल कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के समक्ष बर्खास्त आरक्षियों का प्रकरण भी आया। इस मामले में मुख्यमंत्री ने गंभीरता से जांच कराने के निर्देश देते हुए कहा कि जो लोग गलत तथ्यों के आधार पर बर्खास्त किये गये हैं, उनको बहाल किया जाएगा। विभिन्न जनपदों से आए कुछ लोगों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में हो रही धांधलेबाजी की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। मुख्यमंत्री ने जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। कई जनपदों से आए शिकायतकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री के समक्ष ऐसे मामले भी आए, जिनमें लोगों की खेती की भूमि बाढ़ की वजह से बह गई और उन्हें आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। इन मामलों में मुख्यमंत्री ने तत्काल आर्थिक सहायता के साथ ही आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार कई लोगों से कब्रिस्तान पर अवैध कब्जा होने की शिकायत मिली। उन्होंने कहा कि कब्रिस्तानों की चहारदीवारी का निर्माण कराने का निर्णय उनकी सरकार ले चुकी है। इंजीनियरिंग के छात्रों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उनकी फीस की प्रतिपूर्ति के लिए शासन से दी जा रही धनराशि अभी उनके खाते में नहीं आयी है, जिस पर उन्होंने मामले की जांच कराकर कार्रवाई के निर्देश दिए। जनता दर्शन में अधिकांश समस्याएं पेंशन, आर्थिक सहायता, चकबंदी, इलाज, कानून-व्यवस्था, विकलांग कल्याण आदि से संबंधित थीं। इस अवसर पर समाज कल्याण राज्य मंत्री नरेंद्र वर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश गर्ग तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।