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नई दिल्ली। दिल्ली और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालयों को शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए अपने परिसरों में सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 11 करोड़ रूपए से ज्यादा जारी किए गये हैं। शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति अधिनियम 1995, सरकारों और स्थानीय अधिकारियों को सार्वजनिक भवनों और उनके परिसरों, में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए रैम्प, व्हील चेयर का उपयोग करने वालों के लिए शौचालय, ब्रेल सुविधा, नये एलीवेटर और मौजूदा लिफ्टों में श्रवण संकेतों के साथ-साथ स्पर्श टाइल आदि उपलब्ध कराने का दायित्व सौंपता है।
शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को उपयुक्त पहुँच उपलब्ध कराना संयुक्त राष्ट्र के आचार संहिता में मुख्य प्रावधानों में से एक है जो मई, 2008 में प्रभाव में आया था। समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इस अधिनियम के अनुसार प्रावधानों को कार्यान्वित करने के लिए राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। मार्च 2012 में, शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को सुविधा प्रदान कराने के लिए दिल्ली और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालयों के भवनों के लिए मंत्रालय ने 11.6 करोड़ रूपए का अनुदान जारी किया है। इनमें से 8.51 करोड़ रूपए जवाहरलाल नेहरू के 62 भवनों में प्रशासनिक और अकादमिक ब्लाक, केंद्रीय पुस्तकालय, 18 छात्रावास और 3 अतिथि गृह में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए सुविधा प्रदान करने हेतु जारी किए गये हैं। इसी प्रकार दिल्ली विश्वविद्यालय के 80 भवनों में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए प्रशासनिक और अकादमिक ब्लाक, सम्मेलन केन्द्र, पुस्तकालय, छात्रावास और 2 अतिथि गृह के लिए 3.11 करोड़ रूपए का अनुदान जारी किया गया है।