स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
गुवाहाटी। असम विधान सभा के प्लेटिनम जुबली समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुवाहाटी में असम विधान सभा के प्लेटिनम जुबली समारोह का इस प्रकार शुभारंभ किया-नोमस्कार। ‘मैं एक बार फिर उस असम में आकर सचमुच बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं जिसने मुझे अपनाया है, मैं विशेष रूप से बीहू के बाद वाले सप्ताह में यहां उपस्थित होकर प्रसन्न हूं, मैं असम के लोगों के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना करता हूं।’ पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की दिल्ली यात्रा के कारण मनमोहन सिंह को अपनी असम यात्रा का कार्यक्रम बदलने पर उन्होंने खेद व्यक्त किया। सात अप्रैल को असम विधान सभा वर्षगांठ थी। यहां राज्य विधान सभा के 75 वर्ष पूरे चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पहली बार चुनी गई असम विधान सभा का शुभारंभ हुआ तो यह दुनिया के इस भाग में लोकतंत्र के सबसे प्रमुख स्तंभ में से एक थी।
मनमोहन सिंह ने कहा कि ‘भारत रत्न लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई, डॉक्टर फखरुद्दीन अली अहमद और उनके साथ रहने वालों की याद को मैं सलाम करता हूं, जो असम के लोगों और भारत की मातृभूमि के सपूतों के प्रेरणा स्रोत थे, मैं असम के महान सपूतों और पुत्रियों की स्मृति को सलाम करता हूं, जिन्होंने यह पवित्र पोर्टल्स स्थापित किए और असम की जनता की स्वतंत्र आवाज़ और भावना को अभिव्यक्ति दी, मैं असम की प्रगति में अपने मित्र और दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हितेश्वर सैकिया के योगदान को बहुत अनुराग और सम्मान करता हूं।’ असम के प्रति इतना आदरभाव और भावनात्मक कृतज्ञता प्रकट करने के बाद उन्होंने कहा कि विधान सभा हमारे लोकतंत्र का मंदिर है, यह हमारे लिए बहुलवाद, मानवाधिकारों, धर्मनिरपेक्षता और हर नागरिक की गरिमा के लिए अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को दुहराने के लिए पवित्र स्थल है। हमारी आजादी और हमारा लोकतंत्र हमारे राष्ट्रीय आंदोलन की गौरवशाली धरोहर है। इस धरोहर के प्रति न्याय करने के लिए हम जनता के निर्वाचित प्रतिनिधि, ईमानदार, प्रभावशाली और सक्षम नेतृत्व और सरकार उपलब्ध कराने के लिए बाध्य हैं।
उन्होंने असम सरकार के मुखिया के रूप में अपने मुख्यमंत्री तरुन गोगोई के साथ यह वर्षगांठ मनाने पर खुशी व्यक्त की और उनके सम्मान में कहा कि उन्होंने अपने मानवीय और प्रभावशाली नेतृत्व के साथ रिकार्ड स्थापित किया है। असम अब एक दशक से अधिक समय से टिकाऊ प्रगति, आर्थिक एवं सामाजिक विकास का लाभ उठा रहा है। इस महान राज्य के गोद लिए गए सपूत के रूप में हमे खुशी महसूस हो रही है कि असम अब हमारे अग्रणी राज्यों में से एक के रूप में उभर रहा है। इस महान विधान सभा को अपने पिछले दशक पर गौरव है, यह अनेक जन कानूनों और विकास केंद्रित प्रयासों की गवाह रही है। उन्होंने असम को विकास की नई बुलंदी पर ले जाने के लिए राज्य सरकार की सराहना की और कहा कि 9वीं पंच वर्षीय योजना अवधि में असम की अर्थव्यवस्था सिर्फ 1.51 प्रतशित की दर से बढ़ी, दसवीं योजना अवधि के दौरान यह दर बढ़कर करीब 5.7 प्रतशित हो गई, राज्य सरकार और केंद्र सरकार के विशेष ध्यान के कारण असम ने 11वीं योजना अवधि के पहले चार वर्षों के दौरान 6.8 प्रतशित की औसत वार्षिक वृद्धि हासिल की, 11वीं योजना के अंतिम वर्ष में भी असम में रिकार्ड 7.18 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल होने की संभावना है, असम राष्ट्रीय औसत को छूने जा रहा है, मैं पूरी 12वीं योजना के दौरान असम को पूर्वोत्तर क्षेत्र और देश के लिए वृद्धि के नए इंजन के रूप में उभरते हुए देखना चाहता हूं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि असम में विकास की नई लहर सामाजिक शांति एवं राजनीतिक स्थिरता की अवधि से संभव हुई है, आज यह आम धारणा है कि हिंसा कोई जवाब उपलब्ध नहीं कराती है तथा विवधि समूह अपनी महत्वाकांक्षा सिर्फ लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भाग लेकर ही पूरी कर सकते हैं। असम सरकार, जनता और उसके चहुंमुखी विकास के लिए जो कर रही है, उस तथ्य से इस अहसास को बहुत बल मिला है, मुझे यकीन है कि कुछ विद्रोही समूह जो निरंतर लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बाहर बने हुए हैं वे भी असम के लोगों की भावनाएं समझेंगे तथा ऐसा माहौल बनाने के लिए आगे आएंगे, जो हमारे गणतंत्र के इस महान खूबसूरत राज्य में सामाजिक एवं आर्थिक विकास की गति को तेज करने के लिए अनुकूल है, असम का विकास समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए समग्र रूप से विकास का इंजन बन सकता है। हाल के वर्षों में हमने बांग्लादेश और म्यामांर के साथ अपने संबंध मजबूत करने की नई पहल की है, पिछले वर्ष मैंने बांग्लादेश का दौरा किया था, मुख्यमंत्री तरूण गोगोई मेरे साथ गए थे और हम अनेक कदम उठाने पर सहमत हुए, जो हमारे दोनों देशों के हित में होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले महीने मैं म्यांमार जा रहा हूं, मैं म्यांमार के नेतृत्व के साथ यह चर्चा करूंगा कि हम आसियान क्षेत्र में व्यापार, आर्थिक सहयोग और संपर्कता कैसे बढ़ा सकते हैं, असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्य हमारी पूर्व की ओर देखो नीति को साकार करने के हमारे प्रयासों में महत्वूपर्ण भूमिका निभा सकते हैं तथा निभानी चाहिए। बुनियादी ढांचा पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास की कुंजी है, हमें बेहतर शैक्षिक एवं सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है, असम के मानव विकास सूचकों में तेजी से सुधार हमारी आस बंधाता है तथा यह विश्वास करने का कारण देता है कि हाल ही में हासिल की गई असम की प्रगति लंबे समय तक टिकाऊ बनी रह सकती है, नए उद्योगों की वृद्धि के लिए मुझे इस खूबसूरत राज्य में शानदार क्षमताएं नजर आती हैं जिससे यहां के युवकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा स्थानीय उद्यमियों और पेशेवर लोगों को आगे बढ़ने के नए रास्ते उपलब्ध होंगे। असम विधान सभा की पहली बैठक 7 अप्रैल, 1937 को शिलांग में हुई थी। शिलांग 1972 तक असम की राजधानी बना रहा, फिर राज्य सरकार ने दिसपुर, गुवाहाटी को नई राजधानी बनाने का फैसला किया, तब से असम ने लंबा सफर तय किया है। असम के भविष्य के लिए असीम संभावनाएं विद्यमान हैं। राज्य सरकार ने असम विधान सभा और प्रस्तावित विधान परिषद के दोनों सदनों के लिए दिसपुर में नया परिसर बनाने का फैसला किया है। नया परिसर 2014 तक पूरा हो जाएगा।
मनमोहन सिंह ने कहा कि मैं हमेशा असम की जनता का आभारी रहूंगा, मैं इस महाद्वीप के सुदूर गांव में जन्मा हूं, जो अब भारत में नहीं है, बाल अवस्था में, मैं बेघर तथा विस्थापित हो गया था, यह असम ही है, जहां आखिरकार मुझे घर मिला और जिससे मेरे अंदर लगाव की भावना पनपी, जो दोस्ती, प्यार एवं गर्मजोशी आप सबने मुझे दी है मैं उसे कभी नहीं भुला सकूंगा, इसलिए मेरे दोस्तों मैं आपके सामने आपमें से ही एक बनकर खड़ा हूं, और इस ऐतिहासिक अवसर पर आपके गौरव एवं उपलब्धि और खुशी के पलों में आपके साथ हूं, मैं निष्ठापूर्वक प्रार्थना करता हूं कि आने वाले समय में असम विधान सभा में असम के लोगों के हितों को पूरा ध्यान रखा जाएगा।