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उत्तराखंड में पर्यटन पर बड़ी कार्ययोजना

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आरएच ख्वाजा, सुभाष कुमार-rh khwaja, subhash kumar

देहरादून। भारत सरकार पर्यटन को रोज़गार से जोड़ने पर जोर दे रही है, इसके लिए ‘हुनर से रोजगार’ योजना शुरू की गई है, इसके साथ ही केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने ‘क्लीन इंडिया कम्पेन’ शुरू किया है। इस बावत तमाम महकमों से इकरारनामे पर दस्तख़त कराए जा रहे हैं। उत्तराखंड में पर्यटन विकास के लिए भारत सरकार भरपूर मदद देगी। ये बाते केंद्रीय पर्यटन सचिव आरएच ख्वाजा ने शुक्रवार को सचिवालय में मुख्य सचिव सुभाष कुमार और शासन के दीगर आला अफसरों के साथ बैठक के दौरान कही। गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय से मिले थे। केंद्रीय मंत्री ने पर्यटन सचिव को उत्तराखंड में पर्यटन विकास का रोड मैप तैयार करने का भरोसा दिलाया था।
ख्वाजा ने बताया कि पर्यटन में इस साल 20,000 लोगों को रोज़गार देने का लक्ष्य रखा गया है। ‘हुनर से रोज़गार’ योजना के तहत युवाओं को हास्पिटलिटी और फूड तथा बीवरेज सर्विस’ की ट्रेनिंग दी जायेगी। ट्रेनिंग के दौरान प्रशिक्षण लेने वालों को स्टाइपेंड भी दिया जायेगा। उत्तराखंड में यह जिम्मेदारी इंस्टीटयूट आफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) को दिया गया है। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि आइएचएम देहरादून में प्रशिक्षण पाने वाले 94 प्रतिशत लोगों को नौकरी मिल गई है। इसके अलावा उन्होंने ‘अर्न हवाइल यू लर्न’ (पढ़ाई के दौरान कमायी) योजना की भी जानकारी दी। विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को छुट्टी के दौरान पर्यटन से जुड़ी विभिन्न विधाओं की ट्रेनिंग दी जायेगी। इस दौरान उन्हें स्टाइपेंड भी दिया जायेगा। इसके लिए भारत सरकार शत-प्रतिशत अनुदान देगी, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है, उत्तराखंड में गांव आधारित पर्यटन की अपार संभावना है। पर्यटकों को उत्तराखंड की संस्कृति और खान-पान की जानकारी मिलेगी, इससे गांव के लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी।
केंद्रीय पर्यटन सचिव ने बताया कि ‘क्लीन इंडिया कम्पेन’ के तहत विभिन्न विभागों से एमओयू पर हस्ताक्षर कराये जा रहे हैं। पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता-सफाई की विशेष जरूरत है, इस कार्य में स्वयंसेवी संगठनों को भी जोड़ा जा रहा है, कारपारेट सोसल सेक्टर के तहत औद्योगिक समूहों की भागीदारी भी पर्यटक स्थलों को साफ सुधरा बनाने में होगी। उन्होंने केरल और गोवा का हवाला देते हुए बताया कि इन जगहों की सफाई से पर्यटन बढ़ा है। उन्होंने बताया कि पर्यटन को आमोद-प्रमोद, मनोरंजन से हटकर सरकार प्रो-पुअर (गरीबोन्मुखी) बना रही है, इसके तहत रोज़गार के अवसर बढ़ाने पर बल दिया जा रहा है।
उत्तराखंड में पर्यावरण पर्यटन, साहसिक पर्यटन, गन्तव्य विकास, स्वास्थ्य और ग्रामीण पर्यटन क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की जानकारी मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने दी। पर्यटन विकास के लिए मास्टर प्लान (2007-22) बना लिया गया है। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना काफी सफल रही है, इसके तहत 1292 होटल बनाये गये हैं, 1675 गाड़ियों के खरीदने पर बेरोज़गारों को अनुदान दिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवाएं शुरू की गई हैं। ग्रामीण पर्यटन में 17 योजनाओं को मंजूरी मिली है, जिनमें से 13 पूर्ण हो चुकी हैं। साहसिक पर्यटन के अंतर्गत स्कीइंग, माउंटेनियरिंग, हाइकिंग, हास्पिटलिटी, हाउस कीपिंग, फ्रंट आफिस, कुकिंग आदि के 1239 पाठयक्रम चलाये गये हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव आलोक जैन, प्रमुख सचिव नियोजन एम रामास्वामी, प्रमुख सचिव उद्योग राकेश शर्मा, सचिव वित्त राधा रतूड़ी, सचिव पर्यटन एसएस संधू, अपर सचिव पर्यटन नीतिश झा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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