स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने सोमवार को भारत के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा से मुलाकात कर उत्तराखंड की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर बनाई जा रही सड़कों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने रक्षा सचिव को सड़क और पुल निर्माण की धीमी प्रगति से अवगत कराया। वर्ष 2008 में स्वीकृत इन सड़कों का निर्माण 2013 तक होना था, अब इसकी संभावित पूर्णता अवधि (पीडीसी) 2016 हो गई है।
मुख्य सचिव ने बताया कि मौके पर आकलन करने के बाद पता चला कि जिस गति से काम चल रहा है, उस गति से 2016 तक भी ये सड़कें नहीं बन पाएंगी, इसलिए उन्होंने रक्षा सचिव से अनुरोध किया कि, निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने के लिए निर्माण कार्य में आ रही अड़चनों को दूर करना बहुत जरूरी है, साथ ही संसाधन और उपकरण भी बढ़ाए जाने चाहिएं। मुख्य सचिव ने रक्षा सचिव को बताया कि पिथौरागढ़ में घटियाबगड़-लिपूलेख (75 किलोमीटर) मार्ग अभी तक केवल 18 किलोमीटर ही बन पाया है। मुनस्यारी-मिलम 65 किलोमीटर रोड निर्माण की प्रगति भी संतोषजनक नहीं है। इसी तरह से चमोली जनपद में मलारी-बडाहोती (50 किलोमीटर) मार्ग केवल 20 किलोमीटर ही अभी तक बन पाया है। हार्ड रॉक होने की वजह से रोड कटिंग में समय लग रहा है।
उन्होंने रक्षा सचिव से मुनस्यारी-मिलम और मलारी-बडाहोती सड़क निर्माण के लिए एअर फोर्स के एमई 17 और एमई 26 हैलीकाप्टर की जरूरत बताई। एमई 17 से 5 टन और एमई 26 से 10 टन निर्माण सामग्री का ढुलान किया जा सकता है। इन स्थानों पर हैलीकाप्टर के जरिए निर्माण सामग्री पहुंचाई जाएगी। इससे निर्माण कार्यों मे तेजी आएगी। रक्षा सचिव ने मुख्य सचिव को भरोसा दिलाया कि एक हफ्ते के अंदर सीमा सड़क संगठन, एअर फोर्स, आईटीबीपी और अन्य संबंधित विभाग से बैठक कर तत्काल समाधान किया जाएगा।