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देहरादून। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने अधिकारियों को बिना किसी दबाव के कार्य करने को कहा है और साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अपने दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन न करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। भ्रष्टाचार को विकास में सबसे बड़ी बाधा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक विभाग में विजिलेंस सेल सक्रिय किया जायेगा। मुख्यमंत्री आवास पर कानून व्यवस्था व विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों में सामंजस्य की आवश्यकता पर बल देते हुए आम जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों को कार्यों में गतिशीलता लाने के लिए निरंतर समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े कार्य निर्धारित समय अवधि में पूरे किये जाएं, अधिकारी अपने कार्यालयों में समय से उपस्थित रहें और अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें। अधिकारी सीधे जनता से जुड़ें और उनकी समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही निदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में आने वाले अपराधियों पर रोक लगाने के लिए राज्य की सीमाओं पर विशेष चौकसी बरती जाए, ऐसे स्थानों पर दक्ष एवं कर्मनिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस को अतिरिक्त मोबाइल संचार वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य व केंद्र सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार की योजनाएं धरातल पर भी दिखनी चाहिएं और जनता को शासन-प्रशासन में बदलाव दिखना चाहिए। उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, महिला वर्गों व वृद्धजनों की समस्याओं के निदान को विशेष प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने आम आदमी से जुड़ी प्रक्रियाओं को सरल करने की आवश्यकता जतायी तो जिलाधिकारियों से कहा कि वे निर्माण कार्यों पर कड़ी नजर रखें, और सुनिश्चित करें कि कार्य में गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो। विभिन्न स्रोतों से राज्य की आय में लीकेज को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने सुप्रशासन व क्षमता विकास पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने खनन, यातायात, बिजली और स्टाम्प डयूटी पर विशेष ध्यान देने को कहा और कहा कि जिलाधिकारी शासन स्तर पर काफी समय से लंबित मामलों की रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजें।
बहुगुणा ने विकास योजनाओं में स्थानीय युवाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। गर्मियों में संभावित पेयजल समस्याओं वाले क्षेत्रों का जिक्र करते हुए उन्होंने विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। पर्वतीय दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए निजी चिकित्सा संस्थाओं के सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार किया जाए, जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं का अधिक अधिक से प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि आम आदमी इन योजनाओं का लाभ ले सके।
वर्तमान में चल रही चारधाम यात्रा को राज्य की अर्थ व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यात्रियों को पेयजल, चिकित्सा और शौचालय आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं। उन्होंने जिलाधिकारियों को यात्रा मार्ग पर स्वयं जाकर सड़कों का निरीक्षण करने को कहा। वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहन चालकों का विभिन्न स्थानों पर एल्कोहल टेस्ट किया जाए, किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पहले से ही कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार हो।
बैठक में मुख्य सचिव सुभाष कुमार, अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन, प्रमुख सचिव संस्कृति विनीता कुमार, प्रमुख सचिव गृह डीके कोटिया, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री उत्पल कुमार सिंह, सचिव मुख्यमंत्री एसएस संधू, पुलिस महानिदेशक विजय राघव पंत, आयुक्त गढ़वाल कुणाल शर्मा, आयुक्त कुमांयू हेमलता ढौढ़ियाल सहित अपर सचिव, जिलाधिकारी, एसएसपी एवं पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।