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नई दिल्ली। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री (मिलिंद देवरा) ने राज्य सभा में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी देते हुए बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार 122 लाइसेंसों को रद्द करने के मद्येनजर मोबाइल टेलीफोनों की कॉल दरों में संभावित परिवर्तनों का पता लगाना कठिन है क्योंकि वर्तमान प्रशुल्क ढांचे के अनुसार, राष्ट्रीय रोमिंग को छोड़कर जहां उच्चतम प्रशुल्क निर्धारित किए गए हैं, मोबाइल सेवाओं की कॉल दरों पर छूट दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। मोबाइल प्रचालकों को बाजार की स्थिति और अन्य वाणिज्यिक लाभों के आधार पर विभिन्न प्रशुल्कों की पेशकश करने की छूट दी गई है। उन्होंने बताया कि उपभोक्ता के हितों की रक्षा के लिए भारतीय दूरसंचार वितनयामक प्रधिकरण (ट्राई) ने महत्वपूर्ण्अनुबंध अधिदेशित किए हैं।
उन्होंने बताया कि सेवा प्रदाता को किसी विशेष सेवा के लिए किसी निश्चित समय पर 25 प्रशुल्क योजनाओं से अधिक की पेशकश करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रशुल्कों के क्रियान्वयन के 7 दिनों के भीतर इनकी रिपोर्ट ट्राई को दी जाती है। प्रशुल्क रिपोर्टें जांच के अध्यधीन हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये वितनयामक अपेक्षाओं के अनुरूप हैं। इसके अतिरिक्त, जब भी प्रशुल्कों को बढ़ाया जात है, यह सुनिश्चत किया जाता है कि ये उन उपभोक्ताओं पर लागू नहीं है जो ट्राई के जारी प्रशुल्क आदेशों के प्रावधानों के अनुसार प्रशुल्क संरक्षण का लाभ उठा सके।