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नई दिल्ली। जनजातीय कार्य राज्य मंत्री महादेव सिंह खंडेला ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर बताया है कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ‘जनजातीय क्षेत्रों में व्यवसायिक प्रशिक्षण’ नामक केंद्रीय क्षेत्र की योजना कार्यान्वित करता है, जिसके तहत व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्रों (वीटीसी) के संचालन के लिए राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों और गैर-सरकारी संगठनों को सहायता अनुदान प्रदान की जाती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य जनजातीय युवकों की शैक्षिक योग्यताओं, वर्तमान आर्थिक प्रवृत्तियों और बाजार क्षमता के आधार पर विभिन्न परंपरागत, आधुनिक व्यवसायों में उनके कौशल का उन्नयन करना है। रोजगार, स्वरोजगार प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाने के वास्ते वीटीसी में अनुसूचित जनजातियों को प्रशिक्षण देने के लिए सहायता अनुदान प्रदान की जाती है।
महादेव सिंह खंडेला ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय अध्ययन वर्ष 2007-08 से अनुसूचित जनजातीय विद्यार्थियों के लिए उच्च श्रेणी शिक्षा की केंद्रीय प्रायोजित योजना कार्यान्वित कर रहा है। इस योजना के तहत, अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को जो योजना के तहत आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय आदि अभिज्ञात संस्थानाओं में स्नातक और स्नाकोत्तर स्तर पर अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। यह योजना अभिज्ञात संस्थाओं के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है, योजना के प्रावधानों के तहत पात्र अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के पूर्ण प्रस्ताव की प्राप्ति पर तथा योजना के तहत निधियों की उपलब्धता के आधार पर सहायता अनुदान पर विचार किया जाता है। निर्मुक्त सहायता अनुदान के मुद्दे अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को अभिज्ञात संस्थाओं से छात्रवृत्ति का भुगतान न करने के संबंध में मंत्रालय को शिकायत प्राप्त नहीं हुई हैं।