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यूपी बिहार में पोलियो सबसे ज्यादा

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लखनऊ।पोलियो उन्मूलन के लिए सभी अभिभावकों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं और लोगों में इसके प्रति जागरुकता पैदा करें। जिन्दगी के लिए पोलियो की ?दो बूंद? को जरुरी बताते हुए क्लार्क अवध होटल में भारतीय क्रिकेटर आरपीसिंह, सुरेश रैना, आकाश चोपड़ा और मोहम्म्द कैफ ने कहा कि देश-भर के सभी सेलेब्रिटी पोलियो को दूर भगाने के लिए प्रयासरत हैं और इसमें सफलता भी मिल रही है। नेता-अभिनेता, खिलाड़ी, स्वयंसेवी संगठनों के साथ-साथ यूनीसेफ भी इस काम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खिलाडि़यों का कहना था कि मीडिया पोलियो के खिलाफ जागरुकता पैदा करने में महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकता है। झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने के बाद आरपीसिंह ने कहा कि वह भी अपने शहर की झुग्गी-झोपड़ी में जाकर पोलियो के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करेंगे।
यूनीसेफ
के अगस्टीन वेलियथ ने कहा कि भारत में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम को यूनीसेफ, भारत सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन, रोटरी इंटरनेशनल और अमेरिका की ?डिजीज कंट्रोल एण्ड प्रवेंशन?, सीडीसी पोलियो नियंत्रण और रोकथाम का संयुक्त प्रयास है। पोलियो को भारत से भगाने में पिछले एक दशक में अच्छी कामयाबी मिली है। एक दशक में पोलियो के 2000 मामले प्रकाश में आए थे जबकि आज केवल 600 मामले ही सामने आए हैं लेकिन यह दुखद है कि उत्तर प्रदेश और बिहार सर्वाधिक पोलियो प्रभावित प्रदेश है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 81 प्रतिशत मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के सौ ब्लाकों को चिन्हित किया गया जिसमें 66 प्रतिशत ब्लाक उत्तर प्रदेश के हैं। पोलियो उन्मूलन के आंकड़े दर्शाते हैं कि इसके वायरस को बढ़ने से रोकने में सफलता मिली है।
उन्होंने
कहा कि ओरल पोलियो वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और पोलियो के वायरस को भगाने में प्रभावशाली है। मुश्किल यह है कि हर पल्स पोलियो अभियान के दौरान पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की ड्राप कैसे पिलाया जाए क्योंकि इसमें बच्चों का स्वास्थ्य आड़े आता है। बच्चा कभी बीमार होता है तो कई अन्य कारण होते हैं। इसलिए हर पल्स पोलियो अभियान में बच्चों को दवा अवश्य पिलानी चाहिए। नवजात शिशु को पोलियो की दवा अवश्य पिलाना चाहिए, यह दवा उसको बीमारी से लड़ने में मदद करती है।
इसका
जीता-जागता उदाहरण है उत्तर प्रदेश जहां 2009 में एक साल से कम उम्र के 25 प्रतिशत बच्चों ने दम तोड़ दिया। इसी प्रदेश में दो साल के दौरान पल्स पोलियो के 67 प्रतिशत मामले प्रकाश में आए हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावक छह दिसम्बर के पल्स पोलियो अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और पांच साल से कम उम्र के विशेषकर नवजात और यात्रा के दौरान अपने बच्चों को पोलियो की दवा अवश्य पिलाएं।

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