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आलोक कुमार जैन उत्तराखंड के नए मुख्य सचिव

पद संभालकर कहा-आम आदमी से सीधा संवाद रखेंगे

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आलोक कुमार जैन-alok kumar jain

देहरादून। उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। अब तक मुख्य सचिव के पद पर तैनात रहे सुभाष कुमार को उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड और उत्तराखंड राजस्व परिषद के अध्यक्ष पद पर तैनात किया गया है। नया पदभार ग्रहण करने के बाद आलोक कुमार जैन ने कहा कि उदारीकरण के इस दौर में प्रशासनिक सुधार और नये संस्थानों की स्थापना की बहुत जरूरत है, संवेदनशील, उत्तरदायी प्रशासन और सुशासन उनकी प्राथमिकता होगी, वह आम आदमी से सीधा संवाद रखेंगे और कोशिश करेंगे कि उनका काम सरलता से हो जाए, प्रशासन में पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता होगी, इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा।
मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन ने कहा कि कोशिश की जायेगी कि प्रदेश की विकास दर बढ़े, सीमित संसाधनों में ज्यादा से ज्यादा योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बिना जनता पर बोझ डाले संसाधनों को बढ़ाने के कारगर उपाय तलाश किये जायेंगे, सीमित समय और संसाधनों में सुदृढ़ प्रशासन देना एक चुनौती है, इस चुनौती को वे पूरा करेंगे, जहां जरूरत पड़ेगी पॉलिसी फ्रेम वर्क में सुधार करेंगे, इस तरह का वातावरण सृजित करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा निजी पूंजी निवेश आकर्षित किया जा सके और युवाओं को रोज़गार के बेहतर अवसर मिलें। देहरादून में जन्मे 1979 बैच के आईएएस अधिकारी आलोक कुमार जैन संत स्टीफेंस कालेज दिल्ली के छात्र रहे हैं, जहां से उन्होंने 1977 में प्रथम श्रेणी में इतिहास में एमए पास किया। सन् 1975 में उन्होंने इसी कालेज से इकोनामिक्स में बीए आनर्स की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की।
आलोक कुमार जैन इस समय उत्तराखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव और अवस्थापना विकास आयुक्त के पद पर तैनात थे, प्रमुख सचिव वित्त के रूप में भी उन्होंने सराहनीय कार्य किया है। आलोक कुमार जैन, जून 2005 से अक्टूबर 2006 तक प्रमुख सचिव पर्यटन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के पद पर रहे। मार्च 2006 से अक्टूबर 2006 तक प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी भी निभाई। दिसंबर 2003 से मार्च 2005 तक प्रबंध निदेशक नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड तथा नवंबर 2000 से दिसंबर 2003 तक सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के पद पर रहे। जून 2002 से दिसंबर 2003 तक सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल कल्याण और सचिव कार्मिक और सतर्कता तथा सचिव पेयजल के अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी भी निभाई। वे अभिभाजित उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर, शुगर कार्पोरेशन के एमडी, यूपी टूरिज्म के महानिदेशक, सिंचाई विभाग के विशेष सचिव, मुख्य सचिव के स्टाफ आफिसर, सुल्तानपुर और उन्नाव जनपदों के डीएम, चीनी एवं गन्ना विकास के संयुक्त सचिव, यूपी मिल्क बोर्ड के विशेष सचिव और विभिन्न स्थानों पर अस्सिटेंट कलेक्टर के पदों पर रहे और सराहनीय सेवाएं दीं।

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