स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। सार्क के सदस्यों देशों-अफगानिस्तान, बंग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीप, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के चुनाव आयोगों के प्रमुखों ने नई दिल्ली में एक घोषणा पत्र को स्वीकार किया है और इस पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के वास्ते आपसी संपर्क बढ़ाना और एक दूसरे के अनुभवों से सीखना है। इन देशों के चुनाव प्रबंधन संगठनों के प्रमुखों और उनके प्रतिनिधियों के बीच दो दिन के विचार-विमर्श के बाद सार्क देशों के चुनाव प्रबंधन संगठनों के प्रमुखों के फोरम की स्थापना की गई। इन संगठनों ने स्थायी फोरम के माध्यम से आपसी सहयोग को मजबूत करने और चुनाव संबंधी अनुभवों को आपस में बांटने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकार किया।
यह घोषणा पत्र सार्क देशों के चुनाव प्रबंधन संगठनों के प्रमुखों के तीसरे सम्मेलन में स्वीकार किया गया, जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ एसवाई कुरैशी ने की। भारतीय निर्वाचन आयोग फोरम की पहली पीठ बन गया है। फोरम की स्थापना के बाद भूटान में वर्ष 2013 में इसकी पहली बैठक होगी। मई 2010 में बंग्लादेश में सार्क देशों के चुनाव प्रबंधन संगठनों का पहला सम्मेलन हुआ था। इसका दूसरा सम्मेलन पिछले वर्ष इस्लामाबाद में हुआ। घोषणा पत्र पर सार्क देशों की ओर से जिन्होंने हस्ताक्षर किए, उनमें अफगानिस्तान के स्वतंत्र चुनाव आयोग के अध्यक्ष फैजल अहमद मनावी, बंग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त काजी रकीबुद्दीन अहमद, भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त दाशो कुंजाग वांगडी, नेपाल के मुख्य चुनाव आयुक्त नीलकंठ उपरेती, मालदीव के चुनाव आयुक्त इब्राहिम वहीद, पाकिस्तान के चुनाव आयोग के सदस्य सेवानिवृत न्यायमूर्ति मोहम्मद रोशन एस्सानी और श्रीलंका के चुनाव आयुक्त महिन्दा देशप्रिय शामिल हैं। भारत के निर्वाचन आयोग की ओर से डॉक्टर एस.वाई कुरैशी ने हस्ताक्षर किए। चुनाव आयुक्तों श्री वाई.एस सम्पत और श्री एच एस ब्रह्मा ने सम्मेलन को संबोधित किया।
नई दिल्ली में तीस अप्रैल को द्वारका में भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान की आधारशिला के अवसर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी के साथ सार्क देशों के चुनाव प्रबंधन संगठनों के प्रमुख भी मौजूद थे। दिल्ली के उप राज्यपाल तेजेंद्र खन्ना इस समारोह में मुख्य अतिथि थे। सम्मेलन में देशों के चुनाव प्रबंधन संगठनों के सशक्तिकरण, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों, समावेशी चुनावों, मीडिया और नागरिक समाज के साथ सहयोग, चुनावों में धन बल पर नियंत्रण और आवश्यक प्रौद्योगिकी के प्रयोग के बारे में अनुभवों का आदान-प्रदान हुआ। दक्षिण एशियाई देशों के चुनाव आयोगों ने तकनीकी विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के बारे में कई द्विपक्षीय चर्चाएं भी कीं। सभी ने भारतीय निर्वाचन आयोग के चुनाव प्रबंधन कार्यों और प्रणालियों की सराहना की और भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान की सुविधाओं का लाभ उठाने की इच्छा व्यक्त की।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और सार्क सचिवालय के प्रतिनिधियों तथा भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त जे लिंगदोह ने भी सम्मेलन में विशेष निमंत्रित प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया। भारतीय निर्वाचन आयोग दक्षिण एशियाई देशों के चुनाव प्रबंधन संगठनों के साथ निकट सहयोग से काम करता है। पिछले कुछ सप्ताहों में अफगानिस्तान, मालदीव और भूटान के चुनाव आयोगों के अधिकारियों ने भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त किया।