स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा ने लोकसभा में बताया है कि बीएसएनएल, मुंबई और दिल्ली महानगरों को छोड़कर अखिल भारतीय स्तर पर महत्वपूर्ण ढांचागत दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध करा रहा है, जबकि दिल्ली और मुंबई महानगरों में एमटीएनएल की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। टेलीफोन की कॉल दरें प्रचालकों के विवेकाधीन है, और यह बाजार की शक्तियों और प्रतिस्पर्धा सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करती हैं। दूरसंचार प्रचालकों की अत्यधिक संख्या होने के कारण प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होने की वजह से काल दरों के कम होने की संभावना रहती है। यह देखा गया है कि जब से बीएसएनएल और एमटीएनएल ने मोबाइल टेलीफोन प्रदान करना शुरू किया है, इनकी दरों में कमी आई है।
उन्होंने बताया कि 1 अक्तूबर 2000 को बीएसएनएल के निगमीकरण और बीएसएनएल, एमटीएनएल में समूह ख, ग और घ के लगभग 3,97,000 अधिकारियों के कार्य करने के बाद आईटीएस अधिकारियों सहित संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन विभिन्न सेवाओं के समूह क अधिकारियों को मंत्रिमंडल ने प्रारंभ वर्ष 2005 में और बाद में वर्ष 2008 में अनुमोदित किए गए अनुबंध और शर्तों के अनुसार बीएसएनएल/एमटीएनएल में कार्य करने के लिए विकल्प देने के लिए कहा था। इस बीच, केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की प्रधान पीठ ने 1 जून 2011 के आदेश में दूरसंचार विभाग को निर्देश दिया कि वह अपने उन समूह क अधिकारियों को आगे कोई और अवसर न दे जो बीएसएनएल में समप्रतिनियुक्ति पर बने हुए हैं और उन्हें उनके मूल विभाग में प्रत्यावर्तित करें। विभाग में लिये गये निर्णय के अनुसार सितंबर, 2011 में सभी समूह क अधिकारियों को बीएसएनएल, एमटीएनएल में कार्य करने के लिए अपना विकल्प देने का अंतिम अवसर दिया गया था, जो अधिकारी बीएसएनएल/एमटीएनएल में समप्रतिनियुक्ति पर हैं, परंतु जिन्होंने विकल्प देने के लिए निर्धारित अंतिम तारीख 8 नवंबर 2011 तक बीएसएऩएल/एमटीएनएल में कार्य करने के लिए विकल्प नहीं दिया है, वे सरकारी सेवा में वापस/प्रत्यावर्तित हो जाएंगे।
तीस अप्रैल 2012 की स्थिति के अनुसार बीएसएनएल और एमटीएनएल में समप्रतिनियुक्ति पर कार्यरत 1454 समूह क आईटीएस अधिकारियों में से 394 को दूरसंचार विभाग में कार्यभार ग्रहण करने के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है। इससे सेवा में कोई व्यवधान नहीं आया है। बीएसएनएल और एमटीएनएल दोनों ने अनन्य रूप से समूह क आईटीएस अधिकारियों में से वरिष्ठ और मध्य प्रबंधन स्तर पर भर्ती की प्रक्रिया पहले ही प्रारंभ कर दी है। प्रत्यावर्तन के बाद आईटीएस अधिकारियों सहित समूह क के वे अधिकारी जिन्होंने सरकारी सेवा में बने रहने का विकल्प दिया है, परंतु दूरसंचार विभाग की आवश्यकता के अनुसार आधिक्य में पाए गए हैं, उन्हें सीसीएस (पेंशन) नियमावली, 1972 के नियम 37-क के उप-नियम (6) और आधिक्य कर्मचारी की पुन: नियुक्ति से संबंधित कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अनुदेशों के अनुसार सरकार के आधिक्य प्रकोष्ठ के माध्यम से पुन: नियुक्त किया जाता है।