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बच्‍चों का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़े उपाय

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नई दिल्ली। महिला और बाल विकास राज्‍य मंत्री कृष्‍णा तीरथ ने गृह, श्रम और रोजगार, स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण, मानव संसाधन विकास मंत्रालयों के वरिष्‍ठ अधिकारियों और राष्‍ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्‍यक्ष, राष्‍ट्रीय महिला आयोग के सदस्‍य और कठिन परिस्थितियों में बच्‍चों के लिए काम करने वाले स्‍वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की जिसमें विभिन्‍न परिस्थितियों में बच्‍चों के दुरुपयोग को रोकने के लिए किये जा रहे उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने मीडिया में हाल ही में प्रकाशित बच्‍चों के दुरुपयोग और शोषण की विभिन्‍न घटनाओं के बारे में खेद और चिंता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने सभी संबद्ध व्‍यक्तियों और संगठनों से आग्रह किया कि वे परिवार, स्‍कूल, बच्‍चों की देखभाल करने वाली संस्‍थाओं-सभी जगह बच्‍चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कारगर कदम उठाये और कड़ी व्‍यवस्‍था लागू करें।
कृष्‍णा तीरथ ने इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्‍न मंत्रालयों, विभागों और राज्‍य सरकारों त‍था समाज के बीच तालमेल बढ़ाने की आवश्‍यकता पर बल दिया। तीरथ ने अपने मंत्रालय के इस बारे में किये जा रहे उपायों का उल्‍लेख करते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने बच्‍चों की यौन अपराधों से सुरक्षा के विधेयक को मंजूरी दे दी है और यह जल्‍दी ही राज्‍य सभा में फिर पेश किया जायेगा। दूसरे, किशोर न्‍याय (बच्‍चों की देखरेख और सुरक्षा) अधिनियम 2000 जो कठिन परिस्थितियों में बच्चों की सुरक्षा का मुख्‍य अधिनियम है, में भी संशोधन किया जा रहा है और मंत्रालय अधिनियम के अंतर्गत बाल-गृहों का पंजीकरण न कराने पर इस अधिनियम में दंड के प्रावधान का प्रस्‍ताव करेगा। यह महसूस किया जा रहा है कि इस अधिनियम के तहत सभी बाल-गृहों को लाने से उनकी कड़ी जांच और निगरानी की जा सकेगी और इस प्रकार इन संस्‍थाओं में बच्‍चों की देखरेख की गुणवत्‍ता में सुधार होगा।
बैठक में किशोर न्‍याय अधिनियम के अधीन दिल्ली के गैर-पंजीकृत आर्य अनाथालय में बच्‍चों के कथित यौन संबंधी दुरुपयोग की हाल की घटना पर भी चर्चा की गई। बच्‍चों के अपने अभिभावकों, संरक्षकों द्वारा उनके दुरुपयोग संबंधी घटनाओं पर भी चिंता व्‍यक्‍त की गई और यह महसूस किया गया कि गोद दिलाने वाली एजेंसियों और अस्‍पतालों में शिशुओं की सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्‍यकता है। कृष्‍णा तीरथ ने घरेलू नौकरों के रूप में रखे गये बच्‍चों के दुरुपयोग के मामलों की बढ़ती हुई संख्‍या पर भी चिंता व्‍यक्‍त की और लाभप्रद रोजगार के लिए बच्‍चों के अवैध व्‍यापार को रोकने की प्रक्रिया को सुव्‍य‍वस्थित करने का सुझाव दिया। श्रम और रोजगार मंत्रालयों द्वारा राज्‍य सरकारों से आग्रह किया जाना चाहिए कि वे बच्‍चों के बचाव और पुनर्वास से संबंधित बाल श्रम समझौते के बारे में व्यवहारिक स्‍तर पर जागरूकता पैदा करे।
गृह-मंत्रालय बच्‍चों के अवैध व्‍यापार से संबंधित सभी मौजूदा कानूनों को मिलाने और उन्‍हें कारगर ढ़ग से लागू करने की आवश्‍यकता पर भी बैठक में जोर दिया गया। इन सभी गतिविधियों में एकरूपता लाने के लिए सुझाव दिया गया कि समाज के लोगों को राज्‍य सरकार पर इस बात के लिए जोर डालना चाहिए कि वह बच्‍चों के लिए कार्य करने वाली ग्राम और जिला स्‍तर की संस्‍थाओं को सक्रिय करे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्‍चे अपनी पढ़ाई बीच न छोड़ें और बच्‍चों का उनके घरों पर दुरुपयोग न हो। बैठक में इस बात पर सहमति हुई कि असुरक्षित बच्‍चों को संस्‍थाओं में भेजने की बजाय मनरेगा जैसी योजनाओं के साथ उनके परिवारों को जोड़ने पर अधिक ध्‍यान दिया जाए।

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