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नई दिल्ली। पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय ने राज्य सभा में बताया कि पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार राज्य सरकारों, संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को पर्यटन के दृष्टिकोण से झीलों के विकास सहित राज्यों, संघ राज्य क्षेत्र के साथ परामर्श से पहचानी गई पर्यटन संबंधी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी प्रकार से पूर्ण प्रस्तावों पर पारस्परिक प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई की जाती है और उपलब्धता की शर्त पर निधियां जारी की जाती हैं।
सहाय ने बताया कि संरक्षण और प्रबंधन के उद्देश्यों के लिए असम से केवल तीन वेटलैंड अर्थात दीपर बील, सोने बील और उरपद बील की पहचान की गई है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने देश में 24 राज्यों और 2 संघ राज्य क्षेत्रों को कवर करते हुए नेशनल वेटलैंड कंजर्वेशन प्रोग्राम के अंतर्गत संरक्षण और प्रबंधन हेतु झीलों सहित 115 वेटलैंड की पहचान की है। पहचाने गए वेटलैंड की प्रबंधन कार्य योजना के अंतर्गत विभिन्न संरक्षण गतिविधियों में आंकड़े एकत्रित करना और सर्वेक्षण एवं सीमांकन, कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट, डीसिलटिंग एवं तलमार्जन, बायो-फेंसिंग, मत्स्य उद्योग का विकास, वीड कंट्रोल, जैव-विवधिता का संरक्षण, प्रदूषण को कम करना और सामुदायिक भागीदारी शामिल है। प्रबंधन कार्य योजनाओं को पूरा करने के लिए अनुसंधान के प्राथमिक क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों हेतु अनुसंधान संगठनों की भी सहायता ली जाती है।