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राष्‍ट्रीय व्‍यवसायिक प्रशिक्षण परिषद

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नई दिल्ली। जनजातीय कार्य राज्‍यमंत्री महादेव सिंह खंडेला ने बताया है कि व्‍यवसायिक प्रशिक्षण संस्‍थाएं राज्‍य सरकारों या निजी कंपनियों द्वारा स्‍थापित और परिचालित की जाती हैं, राष्‍ट्रीय व्‍यवसायिक प्रशि‍क्षण परिषद (एनसीवीटी) की भूमिका मानदंड और मानक बनाने, पाठ्यक्रम का विकास करने और व्‍यापार परीक्षण और प्रमाणन तय करने तक सीमित है, एनसीवीटी किसी आईटीआई की स्‍थापना नहीं करती, यह एक सलाहकार निकाय है।
डीजीई एंड टी ने ‘वामपंथ उग्रवाद द्वारा प्रभावित 34 जिलों में कौशल विकास’ नामक एक योजना बनाई है, जिसके अंतर्गत 9 राज्‍यों के 34 जिलों में 68 कौशल विकास केंद्र (एसडीसी) और 34 आईटीआई की स्‍थापना का प्रावधान है। उन्‍होंने बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय अनुसूचित जनजातियों के लिए चलाये जा रहे व्‍यवसायिक प्रशिक्षण केंद्रों के लिए राज्‍य सरकारों, संघ शासित क्षेत्रों और एनजीओ को 100 प्रतिशत केंद्रीय सहायता प्रदान करता है। ‘जनजातीय क्षेत्रों में व्‍यवसायिक प्रशिक्षण’ नामक केंद्रीय योजना को भी कार्यान्वित करता है। यह योजना न केवल पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों की जनजातियों के लिए है, बल्कि अन्‍यत्र भी लागू है।
खंडेला ने बताया कि इस समय वीटीसी के उन्‍नयन के लिए कोई योजना नहीं है। औरपि, 1 अप्रैल 2009 से, रोज़गार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय, श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय, भारत सरकार के तहत राष्‍ट्रीय व्‍यवसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) से, कारीगर प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के तहत राज्‍य सरकारों/संघ शासित क्षेत्र संबंधन से, ‘मोड्यूलर एंप्लाएबल स्किल्‍स’ के तहत व्‍यवसायिक प्रशिक्षण केंद्रों (वीटीसी) को मान्‍यता/संबंधन/प्रत्‍यायन का प्रावधान इस मंत्रालय के तहत जनजातीय क्षेत्रों में व्‍यवसायिक प्रशिक्षण की योजना में है।
योजना के तहत वास्‍तविक और वित्तीय प्रगति की निगरानी के लिए डीजीई एंड टी की प्रत्‍येक योजना में इन-बिल्‍ट तंत्र है और इससे राज्‍य सरकारें निधियों की उचित उपयोगिता सुनिश्चित करती हैं। जीएफआर 19-क में ‘उपयोगिता प्रमाणपत्र’ की प्राप्ति उसी प्रकार राज्‍य सरकारों/संघ शासित क्षेत्रों और एनजीओ से प्रगति रिपोर्ट द्वारा ‘जनजातीय क्षेत्रों में व्‍यवसायिक प्रशिक्षण’ योजना के तहत निधियों की उचित उपयोगिता सुनिश्चित होती है। इसके अलावा, इस मंत्रालय को प्रस्‍ताव भेजने से पहले बहुउद्देशीय राज्‍य स्‍तरीय समितियां वीटीसी के प्रस्‍तावों की समीक्षा करती हैं। एनजीओ के एक बार अनुमोदित और कार्यान्वित इन प्रस्‍तावों की जिला प्राधिकारियों के लिए वार्षिक रूप से जांच करना अनिवार्य है।

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