स्वतंत्र आवाज़
word map

वन्य प्राणियों की संख्या की जानकारी नहीं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

नई दिल्ली। पर्यावरण एवं वन राज्‍य मंत्री जयंती नटराजन ने लोकसभा में कहा है कि देश में शेरों, बाघों, हाथियों और गैंडों जैसी प्रमुख प्रजातियों की संख्‍या घटने के संबंध में कोई सूचना नहीं है, तथापि समय-समय पर, कुछ अन्‍य प्रजातियों की संख्‍या के बारे में रिपोर्टें प्राप्‍त हुई हैं, इनमें बस्‍टार्ड, गिद्ध, जेईंस कोर्सर, ‘कश्‍मीर स्‍टेग’ (कर्वस इलाफस हैंग्लू) इत्‍यादि कुछ उल्‍लेखनीय प्रजातियां हैं, इनके ब्‍यौरे इस मंत्रालय में समेकित नहीं किए गए हैं।
उन्‍होंने कहा कि देश भर में वन्‍य पशुओं, पक्षियों और उनके पर्यावासों को सुरक्षित करने के लिए सरकार अनेक कदम उठाती है, उदाहरण के तौर पर वन्‍यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 को संशोधित करके इसे और कड़ा बनाया गया है, अपराधों के लिए सज़ा बढ़ायी गयी है। इस अधिनियम में वन्‍यजीव अपराधों को करने के लिए प्रयोग किए गए किसी औजार, वाहन अथवा हथियार को जब्‍त करने का भी प्रावधान है। साथ ही वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के अंतर्गत पूरे देश में वन्‍य पशुओं और उनके पर्यावासों कों संरिक्षत करने के लिए सुरक्षित क्षेत्रों अर्थात् राष्‍ट्रीय उद्यानों, अभयारण्‍यों, संरक्षण रिजर्वों और कम्‍यूनिटी रिजर्वों का सृजन किया गया, जिनके दायरे में सभी महत्‍वपूर्ण वन्‍यजीव पर्यावासों को रखा गया है।
उन्‍होंने कहा कि दुर्लभ संकटग्रस्‍त पक्षियों सहित वन्‍यजीवों को बेहतर सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने के लिए विभिन्‍न केंद्र द्वारा प्रायोजित स्‍कीमों, अर्थात् ‘वन्‍यजीव पर्यावासों का एकीकृत विकास’, ‘प्रोजेक्‍ट एलिफेंट’ के अंतर्गत राज्‍य, संघ शासित प्रदेश सरकारों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है और वन्‍यजीव पर्यावास का एकीकृत विकास नामक केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना को 2008-09 में संशोधित करके उसमें ‘अत्‍याधिक संकटापन्‍न प्रजातियों एवं पर्यावासों के बचाव हेतु उद्धार कार्यक्रम’ नामक एक नया घटक जोड़ा गया, 16 प्रजातियों, जिनमें ‘कश्‍मीरी टैग’ (हैंगुल) भी शामिल है, 5 पक्षी प्रजातियों अर्थात् बस्‍टर्ड, गिद्ध, एडिबिल नेस्‍ट स्विफ्टलेट, निकोबार मेगापाड्स और जईन कर्सर की पहचान ऐसे उद्धार कार्यक्रम को शुरू करने के लिए की गई है। वन्‍यजीवों और उनसे बने उत्‍पादों के अवैध शिकार और अवैध व्‍यापार पर नियंत्रण के लिए कानून के प्रवर्तन को सुदृढ़ बनाने के लिए वन्‍यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की स्‍थापना की गई है। राज्‍य वन एवं वन्‍यजीव विभागों के अधिकारियों द्वारा कड़ी निगरानी की जाती है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]