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मॉरिशस में भारतीय दूरदर्शन के कार्यक्रम

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नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्‍य मंत्री सीएम जातुया ने राज्‍य सभा में बताया कि प्रसार भारती ने सूचित किया है कि दूरदर्शन के डीडी इंडिया, डीडी न्‍यूज, डीडी भारती और डीडी स्‍पोर्ट्स चैनल इंटेलसैट के आईएस-10 सैटेलाइट पर अपलिंक किए गए थे, जिसके फुटप्रिंटों ने 5 मार्च 2011 तक मॉरिशस समेत अनेक देशों को कवर किया। हालांकि इंटेलसैट के साथ संविदा की समाप्ति के बाद 5 मार्च 2011 से आईएस-10 सैटेलाइट पर अपलिंकिंग बंद कर दी गई है, अब चैनल इंसैट-4बी सैटेलाइट के माध्‍यम से वितरित किये जा रहे हैं, जिसके फुटप्रिंट 38 देशों को कवर करते हैं। मॉरिशस इंसैट-4बी सैटेलाइट के फुटप्रिंट से बाहर है और इस समय चारों डीडी चैनल मॉरिशस में उपलब्‍ध नहीं है, यद्यपि दूरदर्शन अंतर्राष्‍ट्रीय दर्शकों के लिए कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए प्रसार भारती के ‘डीडी इंटरनेशल चैनल की वैश्विक कवरेज’ नामक एक योजना को 12वीं योजना के प्रस्‍तावों में शामिल किया गया है।
प्रसारण क्षेत्र में विदेशी निवेश
सीएम जातुया ने बताया कि उनका मंत्रालय भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टीआरएआई) की सिफारिशों के अनुसार, प्रसारण क्षेत्र के विभिन्‍न खंडों में प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की सीमाओं को बढ़ाने का भी प्रस्‍ताव कर रहा है, इनमें अन्‍य विषयों के साथ-साथ, डायरेक्‍ट-टू-होम (डीटीएच), इंटरनेट प्रोटोकॉल टेलीविजन (आईपीटीवी), मोबाइल टीवी, हेडेंड-इन-दि-स्‍काइ (हिट्स) एवं टेलीपोर्ट सेवाओं सहित सभी प्रसारण सेवाओं के लिए 74 प्रतिशत की एकरूप प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा सहित अन्‍य विषय शामिल हैं। इनमें केबल क्षेत्र में डिजिटलीकरण और संबोधनीयता की शुरूआत करने के लिए बहु-प्रणाली संचालकों (एमएसओ) के लिए 74 प्रतिशत प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा, स्‍थानीय केबल संचालकों के लिए 49 प्रतिशत की प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश सीमा, गैर-समाचार एवं समसामयिक विषयक चैनलों की अपलिंकिंग एवं टीवी चैनलों की डाउनलिंकिंग के लिए 100 प्रतिशत का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश और समाचार एवं समसामयिक विषयक टीवी चैनलों के लिए 26 प्रतिशत का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश शामिल है।
उन्‍होंने बताया कि सभी प्रसारण सेवाओं के लिए स्‍वचालित मार्ग के लिए 49 प्रतिशत प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने का भी प्रस्‍ताव है। अपलिंकिंग, डाउनलिंकिंग और एफएम रेडियो जैसी विषय वस्‍तु संबंधि सेवाओं के लिए किसी भी प्रकार के स्‍वचालित मार्ग की अनुमति नहीं है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीआरएआई के साथ परामर्श करके संबंधित निबंधन एवं शर्तें भी तैयार की हैं, ताकि प्रस्‍तावित आवर्धित प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश स्‍तरों के मद्देनजर सुरक्षा संबंधी अन्‍य विषयों पर ध्‍यान दिया जा सके।

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