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नई दिल्ली। पंचायती राज मंत्री वी किशोर चंद्र देव ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि पंचायती राज संस्थाओं की निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (ईडब्ल्यूआर) की भागीदारी, प्रतिनिधित्व तथा कार्यनिष्पादन को बढ़ाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय, एक केंद्रीय क्षेत्र योजना, पंचायत महिला एवं युवाशक्ति अभियान (पीएमईवाईएसए) को वर्ष 2007-08 से कार्यान्वित कर रहा है। इस अभियान का उद्देश्य सामूहिक कार्य के माध्यम से निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को सशक्त बनाना है, जिससे निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के रूप में वे अपनी समस्याओं की पहचान करने और उन्हें सामने रखने में, अपने हित तथा जीविकोपार्जन और अपने परिवार व कुल मिलाकर पूरे समुदाय को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार-विमर्श करने में उनकी क्षमता और आत्मविश्वास को बढ़ा सकें। इस योजना की अभिकल्पना, निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को संस्थागत, सामाजिक और राजनीतिक बाधाएं, जो ग्रामीण स्व-सरकारों में उनकी पूर्ण एवं सक्रिय भागीदारी में रूकावट बनती हैं, से उबरने में सहायता करने के लिए की गई है।
इस योजना के तहत गतिविधियों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के लिए राज्य सम्मेलनों तथा मंडलीय, जिलास्तरीय सम्मेलनों, संघों का गठन, राज्य सहायता केंद्रों की स्थापना और निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों तथा निर्वाचित युवा प्रतिनिधियों (ईवाईआर) के लिए सुग्राही कार्यक्रमों का आयोजन शामिल है। निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के लिए पीएमईवाईएसए के अंतर्गत क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण को पंचायती राज मंत्रालय की अन्य योजनाओं जैसे-पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बीआरजीएफ) और राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार योजना (आरजीएसवाई) के द्वारा भी संपूरित की किया जाता है, जिसमें निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों सहित पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के क्षमता निर्माण तथा प्रशिक्षण का प्रावधान शामिल है।