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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना पेराई सत्र 2012-13 के लिए गन्ना सर्वेक्षण कार्यक्रम घोषित कर दिया है। वर्ष 2012-13 में गन्ना सर्वेक्षण के कार्य में जीपीएस का प्रयोग किये जाने का भी निर्णय लिया गया है। गन्ना आयुक्त कामरान रिजवी ने गन्ना सर्वेक्षण के संबंध में सभी क्षेत्रीय संयुक्त आयुक्त, उप गन्ना आयुक्त एवं जिला गन्ना अधिकारियों को परिपत्र भेज कर गन्ना सर्वेक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाये जाने के निर्देश दिये हैं।
जारी परिपत्र के अनुसार गन्ना का प्रथम सर्वेक्षण एक मई से प्रारंभ हो चुका है, जो 20 जून, 2012 तक चलेगा। गन्ना सर्वेक्षण प्रोग्राम की एक प्रति जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय में आवश्यक रूप से उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि प्रोग्राम के आधार पर जांचकर्ता अधिकारी गांव में जाकर आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। पेराई सत्र 2012-13 में 50 प्रतिशत सर्वेक्षण कार्य में जीपीएस प्रणाली का प्रयोग भी अनिवार्य रूप से किया जायेगा तथा 50 प्रतिशत सर्वेक्षण कार्य मैनुअल आधार पर होगा। जीपीएस प्रणाली के माध्यम से सर्वेक्षण कार्य में शुद्धता व समय की बचत होने के साथ ही सर्वे में त्रुटियों की संभावना भी कम रहेगी। जीपीएस प्रणाली से सर्वे पर होने वाले व्यय में कमी के साथ ही बिचैलियों से भी बचा जा सकेगा।
गन्ना आयुक्त ने सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये हैं कि अपने क्षेत्रों की चीनी मिलों से सर्वेक्षण के लिए सुसंगत राजस्व अभिलेख तथा सजरा, नक्शा, खतौनी आदि की एक प्रति 30 अप्रैल 2012 तक अनिवार्य रूप से ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक को उपलब्ध कराने के निर्देश दे दें। राजस्व अभिलेख की एक प्रति सर्वे टीम को उपलब्ध कराया जाना भी सुनिश्चित करें, जिससे सर्वे टीम सर्वे के समय उस प्रति को अपने पास अनुरक्षित रखेगी।