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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने राज्य सभा के सचिव एनसी जोशी की लिखित पृथ्वी सूक्त पुस्तक का बृहस्पतिवार को विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पृथ्वी सूक्त अथर्ववेद का एक हिस्सा है। इसमें कालक्रम के अनुसार बहुत पहले की रचना, ऋग्वेद में निहित प्रकृति की शक्तियों का ऋचाओं के आह्वान किया गया है। पृथ्वी मंडल के अकूत खजानों का पता लगाने, उन का दोहन करने और उन्हें टिकाऊ तरीके से उपयोग में लाना मानव सभ्यता का मुख्य कार्य रहा है। हमारी पृथ्वी प्रणाली का कार्य वातावरण मंडल, जल मंडल, जैव मंडल और पर्यावरण मंडल के बीच संपर्क स्थापित करना और हमें जल, भूमि और ऊर्जा के स्रोत उपलब्ध कराना है। अथर्ववेद और उसके पृथ्वी सूक्त में 63 ऋचाएं हैं, जो पृथ्वी माता की स्तुति में समर्पित की गई हैं।