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नई दिल्ली। भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति ने मंत्रालय के कामकाज पर विचार-विमर्श के लिए एक बैठक की जिसकी अध्यक्षता भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्योग मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने की। भारी उद्योग विभाग के अंतर्गत विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों, ऑटोमोटिव उद्योग, भारी विद्युत अभियांत्रिकी उद्योग, भारी अभियांत्रिकी उपकरण और मशीन यंत्र उद्योग के साथ-साथ समझौते पत्र, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों के पुनर्गठन जैसे क्षेत्रों में खासतौर पर मंत्रालय की विभिन्न पहलों के बारे में सदस्यों को जानकारी दी गई।
सदस्यों को बताया गया कि भारी उद्योग विभाग के सचिव की अध्यक्षता में पूंजीगत माल और अभियांत्रिकी क्षेत्र पर गठित कार्यकारी समूह ने अपनी सिफारिशें दे दी हैं। सदस्यों को यह भी जानकारी दी गई कि प्रौद्योगिकी पर प्रधानमंत्री के मंत्री समूह की सिफारिशों और राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धा परिषद की पहलों और विद्युत गतिशीलता पर राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ कर दिया गया है। इसके अलावा भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री की अध्यक्षता में विद्युत गतिशीलता पर राष्ट्रीय परिषद के साथ-साथ विद्युत गतिशीलता पर राष्ट्रीय बोर्ड का गठन कर दिया गया है। आगामी विचार-विमर्श के बाद, 2020 तक के लिए राष्ट्रीय विद्युत गतिशीलता योजना का शुभारंभ जुलाई, 2012 तक हो जाने की उम्मीद है।
अगले पांच वर्षों में ऑटोमोटिव क्षेत्र में लक्षित विकास के लिए भारी उद्योग विभाग के सचिव की अध्यक्षता में सरकार में एक कार्यकारी समूह का गठन कर दिया है। कार्यकारी ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। विभिन्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की कार्य प्रणाली और समस्याओं पर सदस्यों ने गंभीरता के साथ विचार विमर्श किया। समिति के अध्यक्ष ने मंत्रालय के अधिकारियों और संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से जुड़े उद्यमों को इन मुद्दों को हल करने और इसकी रिपोर्ट समिति को देने का निर्देश दिया। बैठक में लोकसभा सदस्यों के तौर पर पाकुरी लाल, वासुदेव आचार्य और डॉ भोला सिंह ने भाग लिया।