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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के मीडिया को भेजे गए ई-मेल में कहा गया है कि राज्य के समग्र विकास के लिए विकास एजेंडा निर्धारित करते हुए सभी संबंधित विभागों से इसके प्रभावी क्रियान्वयन की अपेक्षा की गयी है और साथ ही इसके लिए विभागों से प्रस्ताव और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। शासन, उच्च स्तर पर गहन विचार-विमर्श के बाद विकास एजेंडे को अंतिम रूप देगा, जिसमें मुख्य तौर पर कृषि, उद्योग, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, समाज कल्याण, अवस्थापना विकास आदि से जुड़े लगभग 100 बिंदुओं को पहले चरण में शामिल किया गया है। सपा के चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वायदों को भी विकास के एजेंडे में शामिल कर लिया जायेगा।
विकास एजेंडा शासन की मंशा के मुताबिक क्रियान्वित हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यथासंभव प्रत्येक त्रैमास में विकास एजेंडे के विभिन्न बिंदुओं की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश देंगे, इसके अलावा मुख्य सचिव भी प्रत्येक माह विकास एजेंडे की प्रगति की समीक्षा करेंगे। शासन ने प्रदेश के विकास के लिए राजस्व वसूली के निर्धारित लक्ष्य को प्रत्येक दशा में प्राप्त करने पर विशेष बल दिया है, क्योंकि इस धनराशि का उपयोग विभिन्न विकास और जन कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए राजस्व संग्रह का कुल लक्ष्य 73 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
प्रदेश में कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी के लिए नई कृषि नीति बनाई जाएगी। प्रदेश की मौजूदा कृषि नीति वर्ष 2005 में अपनायी गयी थी, जिसकी समीक्षा करते हुए नई कृषि नीति को अंतिम रूप दिया जायेगा। इसी प्रकार उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण और आलू की खेती के समग्र विकास के लिए भी नई नीतियां बनाई जाएंगी। भारत सरकार की मेगा फूड पार्क स्कीम के तहत अधिकाधिक वित्तीय सहायता प्राप्त कर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर के उद्योगों को विकसित किया जायेगा। प्रदेश के समस्त किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने और जिला सहकारी बैंको के सुदृढ़ीकरण की योजना भी शासन के एजेंडे में शामिल है। गन्ने की उन्नत प्रजातियों के विकास के अलावा गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (ई-समाधान) का उपयोग किया जायेगा। इसके अतिरिक्त कृषि आधारित अन्य गतिविधियों जैसे पशुपालन, पोल्ट्री उत्पादन और मत्स्य विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रदेश में औद्योगिक माहौल बनाने और उद्योगों के त्वरित विकास के लिए वर्ष 2004 में औद्योगिक नीति बनाई गई थी, तब से लेकर वर्तमान तक प्रदेश में नई औद्योगिक नीति नहीं बनाई गई। इसे ध्यान में रखते हुए शासन ने वर्ष 2004 की औद्योगिक नीति की समीक्षा कर नई औद्योगिक नीति बनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही उद्योग बंधु को सुदृढ़ करने का निर्णय भी लिया गया। विकास एजेंडे के मुताबिक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के आधार पर सड़कों के निर्माण एवं अनुरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी आधार पर आगरा-लखनऊ के बीच एक्सप्रेस-वे का निर्माण और गाजियाबाद में नार्दन पेरीफेरल रोड बनायी जाएगी, समस्त जिला मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों और असंतृप्त ग्रामों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ा जाएगा। अधूरे सेतुओं को भी पूरा किया जाएगा। लखनऊ में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण, कुशीनगर एवं आगरा में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। मथुरा-वृंदावन-गोवर्धन क्षेत्र में आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं का विकास और क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए कदम उठाये जायेंगे। बौद्ध परिपथ के स्थलों का पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास एजेंडे में शामिल किया गया है।
प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़ाने और विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में सुधार के लिए कई योजनाओं पर तेजी से काम कर इन्हें पूरा किया जाना भी विकास एजेंडे में शामिल है। बिजली उत्पादन की निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूरा किया जायेगा और नई उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए तत्परता से प्रयास किए जायेंगे, इसके तहत जवाहरपुर, अनपरा-डी, हरदुआगंज विस्तार, पनकी और ओबरा-सी तापीय परियोजनाएं पूरी की जाएंगी। कृषि व ग्रामीण फीडर अलग करते हुए मीटर लगाकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्युत आपूर्ति में सुधार किया जाएगा और विद्युत पारेषण के क्षेत्र में सुधार के लिए सब स्टेशनों और लाइनों का निर्माण करके उनकी क्षमता में वृद्धि की जायेगी। इस कार्य में पीपीपी आधार पर भी परियोजनायें संचालित की जाएंगी, इसके अलावा प्रदेश में सौर ऊर्जा आधारित विद्युत उत्पादन नीति बनाने और इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए काम किया जायेगा।
स्वास्थ्य सेक्टर में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के अंतर्गत नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया जायेगा। आम लोगों को आकस्मिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए इमरजेन्सी ट्रान्सपोर्ट सर्विसेज को शुरू किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए गरीबी रेखा से नीचे के सभी परिवारों को योजना से आच्छादित किया जाएगा, साथ ही, सभी राजकीय मेडिकल कालेजों में ट्रामा सेंटर और गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) भी स्थापित किए जाएंगे। समस्त प्रकार की छात्रवृत्तियों और सामाजिक सहायता पेंशन की वितरण व्यवस्था पारदर्शी एवं सुगम बनाई जाएगी। विशेष रूप से दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए इनकी कमियों का निराकरण किया जायेगा। अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चल रहे 15 सूत्री कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के अलावा मदरसों में तकनीकी शिक्षा का प्रसार किया जाएगा। कन्या विद्या धन योजना के माध्यम से बालिकाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करने और अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में शिक्षण संस्थानों की स्थापना की जायेगी।
राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के युग की शुरूआत करते हुए कक्षा 10 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को टैबलेट और कक्षा 12 उत्तीर्ण विद्यार्थियों को लैपटॉप उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही बेरोजगारी भत्ता योजना-2012 का प्रभावी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित किया जायेगा। शिक्षकों की सेवा संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए उनके वेतन, पेंशन और जीपीएफ की व्यवस्था का कंप्यूटरीकरण कराया जायेगा, इसके साथ ही जन उपयोगी विभागों में रिक्त पदों को भरा जाएगा। डॉ राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत पांच वर्षों में 10 हजार ग्रामों को संतृप्त करने और बुंदेलखंड पैकेज के प्रभावी क्रियान्वयन को विकास एजेंडे में सम्मिलित किया गया है। इसके अलावा पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि की धनराशि से गुणवत्तापरक योजनाएं क्रियान्वित की जाएंगी। प्रदेश में नहरों की सफाई व्यवस्था पारदर्शी की जाएगी और बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ-साथ उसके सत्यापन की व्यवस्था भी की जाएगी।
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पांच लाख लीटर दुग्ध भंडारण क्षमता की डेयरी की स्थापना की जायेगी। इसके साथ ही लखनऊ में ही जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कराया जायेगा और कैंसर रोग के इलाज के लिए कैंसर इंस्टीट्यूट भी स्थापित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त नई शहरी आवास एवं पर्यावास नीति बनाई जाएगी। बड़े शहरों में यातायात में सुधार किया जायेगा और नगर निकायों में सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जायेगा। सरकारी ठेकों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडर/ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली लागू की जाएगी। प्रदेश में स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेन्स व्यवस्था लागू की जाएगी। ई-गवर्नेंस का पूरे प्रदेश में विस्तार किया जाएगा और आईटी सिटी योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी को लागू कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आमूलचूल सुधार किया जायेगा। भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत अधिकाधिक केंद्रीय सहायता प्राप्त कर मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, सर्वशिक्षा अभियान, मध्यान्ह भोजन योजना, जेएनएनयूआरएम सहित विभिन्न योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करते हुए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इनमें कोई अनियमितता न होने पाए।