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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी पदों पर प्रमोशन और ठेकों में आरक्षण की बहाली के लिए 21 मई से विधान भवन के सामने बीसेफ (बहुजन समाज इम्प्लाईज़ फेडरेशन) एवं बीएसफोर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर रहा है। पहले दिन धरने का नेतृत्व रिटायर्ड आईजी (पुलिस) एवं बीएस4 के नेता बंसीलाल करेंगे। सात मई को एक दिवसीय सांकेतिक धरना देने के बाद पार्टी ने राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया था और मांग थी कि उत्तर प्रदेश सरकार, सरकारी निर्माण के ठेकों, प्रमोशन और परिणामी ज्येष्ठता में अनुसूचित जातियों-जनजातियों की आरक्षण व्यवस्था को बहाल करे, इसी के साथ केंद्र सरकार संविधान में वृहद संशोधन करके ‘राष्ट्रीय आरक्षण कानून’ बनाकर उसे संविधान की नौवीं सूची में डाले। ज्ञापन में कहा गया था कि यदि केंद्र और राज्य सरकार 20 मई तक आरक्षण बहाल करने के संबंध में आवश्यक पहल नहीं करती, तो विवश होकर 21 मई 2012 से अनिश्चितकाल तक धरना दिया जाएगा।
बीसेफ एवं बीएसफोर ने आरक्षण के समर्थन में ‘निर्णायक आंदोलन’ करने का संकल्प लिया है। यदि 10 जून 2012 तक सरकार ने आरक्षण बहाली के लिए कोई सार्थक पहल नहीं की तो आरक्षण समर्थक आंदोलन वृहद रूप धारण करेगा और पूरे प्रदेश में सड़कों पर प्रदर्शन किया जाएगा। फिलहाल 21 मई से शुरू होने वाला धरना क्रमिक धरना होगा, जिसमें रोजाना प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे और धरने का रोजाना अलग-अलग नेतृत्व होगा। आरक्षण समर्थक सभी संगठनों से अपील की गई है कि वे इस मुद्दे पर लड़ाई तेज करें, विभिन्न दलों के सांसदों और विधायकों से भी अपील की गई है कि वे काम रोको प्रस्ताव लाकर आरक्षण के इस मुद्दे को संसद और विधान सभा में अवश्य उठाएं।
बीसेफ एवं बीएसफोर के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने कहा है कि आरक्षण विरोधियों को अपनी सोच बदलनी चाहिए, उन्हें अमेरिकी डायवर्सिटी सिद्धांत की अश्वेत भागीदारी से सबक लेना चाहिए, आरक्षण वंचित समाज की भागीदारी का एक बड़ा मुद्दा है, वर्तमान में आरक्षण संबंधी समस्या के समाधान हेतु केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के सामने अब भी विकल्प खुला है जैसे-उत्तर प्रदेश सरकार सर्वोच्च न्यायालय की मंशा के अनुरूप विभागों में विभिन्न पदों पर अनुसूचित जाति-जनजाति के कर्मचारियों, अधिकारियों की भागीदारी एवं उनके पिछड़ेपन की स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके प्रमोशन में आरक्षण एवं परिणामी ज्येष्ठता के लिए नया प्राविधान करे, इसके अतिरिक्त सरकारी ठेकों में आरक्षण बहाल करे,केंद्र सरकार संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन करके ‘राष्ट्रीय आरक्षण कानून बनाए और उसे संविधान की नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कराए।