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घर के नज़दीक बैंकिंग सुविधा मिले-मुख्य सचिव

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आलोक  कुमार जैन/alok kumar jain

देहरादून। आम आदमी को घर के नजदीक बैंकिंग सुविधा मिले, सभी तरह की पेंशन, छात्रवृत्ति आदि की धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में जाए, प्रदेश के दूर-दराज इलाकों तक वित्तीय गतिविधियों का विस्तार हो, इस मकसद से सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन की अध्यक्षता में बैंकर्स के साथ बैठक हुई। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर सुब्बाराव  और भारत सरकार के बैंकिंग सचिव डीके मित्तल उत्तराखंड आ रहे हैं। आरबीआई के गवर्नर और बैंकिंग सचिव के साथ बैठक कर राज्य में बैंकिंग सुविधा के विस्तार और सीडी रेशियो के बढ़ाने पर चर्चा होगी। मुख्य सचिव ने कहा कि आबादी के हिसाब से तय किए गए मानक उत्तराखंड के लिए कारगर नहीं होंगे, यहां बिखरी हुई आबादी है, इसलिए क्लस्टर एप्रोच अपनाया जाए। प्रत्येक न्याय पंचायत में बैंक की सुविधा हो, अभी तक 670 न्याय पंचायतों में से 151 न्याय पंचायतों में बैंक नहीं है, यद्यपि 151 न्याय पंचायतों में मिनी बैंक के जरिए काम चलाया जा रहा है, सभी न्याय पंचायतों में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
मुख्य सचिव ने पोस्ट आफिस और को-आपरेटिव बैंक के अधिकारियों से आईटी के बेहतर इस्तेमाल की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि व्यवसायिक बैंकों की तरह पोस्ट आफिस और को-आपरेटिव बैंक भी हाईटेक हों, तभी इनकी उपयोगिता होगी। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2013 तक पोस्ट आफिस और को-आपरेटिव बैंक भी ऑनलाइन हो जाएंगे। जैन ने कहा कि केवल ग्रामीण विकास के 813000 खाते बैंक और 177000 खाते पोस्ट ऑफिस में हैं, इनके जरिए 417 करोड़ रुपए का बिजनेस बैंकों को दिया जा रहा है। इसी तरह से समाज कल्याण विभाग में 465000 लाभार्थी हैं, सभी लाभार्थियों की पेंशन और छात्रवृत्ति उनके खाते में जाने से लगभग 400 करोड़ रुपए का बिजनेस बैंक को मिलेगा। उन्होंने बीएसएनएल से सुदूर क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कहा। बैठक में वित्त सचिव राधा रतूड़ी, सहकारिता सचिव पीएस गुसाईं, खाद्य सचिव सुबर्द्धन, अपर सचिव वित्त शरद चंद्र पाण्डेय सहित विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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