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देहरादून। उत्तराखंड में 1950 से 1980 तक काफी राजकीय भूमि गर्वमेंट ग्रांट एक्ट के अंतर्गत कृषि कार्य हेतु दी गई थी। इस पट्टे पर कई शर्तें लगाई गयी थीं, इनमें एक प्रमुख शर्त यह थी कि इस पट्टे की भूमि की बिक्री नहीं कर सकते थे। इन वर्षों में परिस्थितियां बदल गई हैं। किसान इस भूमि को गिरवी रखकर ऋण नहीं ले सकते थे, जिससे वे भूमि का विकास नहीं कर पाते थे। इन कठिनाइयों को देखकर उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि इस तरह जो पट्टे दिये गये थे, उसकी शर्त में परिवर्तन कर दिया गया है। अब पट्टा धारकों को भूमि के विक्रय या गिरवी रखने का अधिकार मिल गया है। इससे पूरे प्रदेश में 50-60 हजार लोगों को फायदा मिलेगा।
उत्तराखंड में पेट्रोल पर बढ़े हुए 7 रुपये 50 पैसे पर राज्य सरकार का 25 प्रतिशत वैट नहीं लिया जायेगा। इससे पेट्रोल की कीमत प्रदेश में 1.87 रुपये की कमी होगी। तंबाकू पदार्थों का वैट बढ़ाया गया है। सिगरेट पर पहले 17.50 प्रतिशत और पान मसाले पर 13.50 वैट लगता था, पर अब 20 प्रतिशत वैट लगेगा। बीड़ी पर पहले 4.50 प्रतिशत वैट लगता था, अब 8 प्रतिशत लगेगा। इमारती लकड़ियों को वैट की अनुसूची 3 पर रखते हुए कर दर 13.5 से 15 प्रतिशत कर दी गई है।
सीमांत विकास खंडों में कार्यरत कार्मिकों को अब सीमांत विकासखंड भत्ता दिया जायेगा, जिनका ग्रेड वेतन 5400 रुपये या इससे अधिक है, उनको 1300 रुपये और 5400 रुपये से कम ग्रेड वेतन जिन्हें मिलता है, उन्हें एक हजार रुपये दिया जायेगा। इन विकास खंडों के कर्मियों को पूर्व में दिया जाने वाला पर्वतीय भत्ता समाप्त कर दिया गया है। पिथौरागढ़ जनपद में धारचूला, मुनस्यारी, कनालीछीना, मुनाकोट, चमोली जनपद में जोशीमठ, उत्तरकाशी में भटवाड़ी और ऊधमसिंह नगर में खटीमा विकासखंड में कार्यरत कार्मिकों को इसका लाभ मिलेगा।
व्यापार कर की जांच चौकियों को समाप्त कर दिया गया है। विधानसभा में मूल्य सवंर्धित कर संसोधन विधेयक 2012 सदन में लाने की अनुमति दी गयी। नान लेवी चीनी पर प्रवेश कर के स्थान पर 2 प्रतिशत वैट लगाये जाने की अनुमति दी गयी। पहले शीरा आंतरिक खपत के लिए 70 प्रतिशत आरक्षित होता था, अब मात्र 20 प्रतिशत आरक्षित किया जायेगा। यह शीरा पशु चारा इकाइयों और देशी-विदेशी मदिरा इकाईयों को दिया जाएगा। शेष 80 प्रतिशत शीरे की बिक्री खुली प्रक्रिया से की जायेगी।