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नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने आईवीएफआरटी केंद्रीय प्रक्रिया संसाधन कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह प्रवास, वीज़ा तथा विदेशी नागरिकों के ऑनलाइन पंजीकरण, सुरक्षा तथा अन्य सेवाओं में कार्यक्षमता को और बढ़ाएगा। उन्होंने गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए क्षमता वृद्धि और समय-समय पर प्रशिक्षण तथा सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उपकरणों को लगातार उन्नत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। अप्रवासन, वीज़ा और विदेशी नागरिक पंजीकरण तथा उनकी जानकारी रखने संबंधी (आईवीएफआरटी) केंद्रीय प्रक्रिया संसाधन कार्यालय अब अप्रवासी संबंधी मामलों का केंद्रीय कार्यालय होगा।
इसमें मुख्य गतिविधियां हैं-केंद्रीय अग्रिम यात्री सूचना प्रणाली प्रबंधन। दूतावासों और उत्प्रवास जांच केंद्रों को तकनीकी और कार्य संबंधी सहायता (आईसीपी) पहुंचाना। विशिष्ट मामले की फाइल का प्रबंधन। आईवीएफआरटी केंद्रीय डाटा केंद्र का प्रबंधन। आईवीएफआरटी परियोजना से संबंधित अन्य तकनीकी, वैधानिक, नीतिगत मुद्दे। आईवीएफआरटी परियोजना का मुख्य उद्देश्य एक सुरक्षित और एकीकृत सेवा प्रदान करने वाला ढांचा विकसित करना और उसे अमल में लाना है, जिससे सुरक्षा मजबूत कर वैध यात्रियों को सुविधा मुहैया करायी जा सके। इस परियोजना का वैश्विक दायरा है। इसके तहत विदेशों में 176 भारतीय दूतावास, 180 उत्प्रवास जांच केंद्र, 10 विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय और राज्यों तथा जि़ला मुख्यालयों में 650 से अधिक विदेशी पंजीकरण कार्यालय आते हैं। आईवीएफआरटी परियोजना में जो मुख्य परिणाम परिकल्पित किये गये हैं वे इस प्रकार हैं-
दूतावास, उत्प्रवास जांच केंद्रों और विदेशी पंजीकरण कार्यालयों में इंटेलीजेंट डॉक्यूमेंट स्कैनर्स और बायोमीट्रिक्स की सहायता से यात्रियों का सत्यापन करना। विदेशी यात्रियों को वीज़ा दिये जाते समय उनका ऑनलाइन पंजीकरण तथा प्रवेश और निकास स्थलों पर उनका स्वत: विवरण प्राप्त करना। विदेशी यात्रियों के बारे में सभी संबंधित एजेंसियों को सूचना उपलब्ध कराने के लिए एक केंद्रीय प्रणाली की व्यवस्था करना। दूतावासों में वीजा जारी किये जाने, जांच केंद्रों पर उत्प्रवास का पता लगाने और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालयकी सूचनाओं को समेकित करने तथा सूचना साझा करने से विदेशी नागरिकों का पता लगाने की व्यवस्था में सुधार। ई-पासपोर्ट, ई-माइग्रेशन और अपराध-अपराधी संबंधी नेटवर्क व्यवस्था के एकीकरण और समायोजन से त्वरित तथा ज्ञात सूचना के आधार पर निर्णय लेना।