स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
बिजनौर। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सामने सोमवार को बिजनौर जनपद की जिला पंचायत अध्यक्ष बेगम नसरीन सैफी, उनके पति रफी सैफी, सदस्य जिला पंचायत अमजद अहमद (कामराजपुर) तथा मोहम्मद यूनुस पूर्व प्रधान बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इन दल बदलुओं ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए उसके नेतृत्व एवं उसकी नीतियों में आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार में जनता का भरोसा है। सपा के इस फैसले को दोनों ओर से मतलब परस्ती से जोड़ा जा रहा है।
ध्यान रहे कि बिजनौर में जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ कुछ जिला पंचायत सदस्यों ने अविश्वास का नोटिस दिया था और आरोप लगाया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उनके पति ने जिले में भ्रष्टाचार का नंगा नाच किया हुआ है। जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उनकी टीम ने पूरे जिले में बसपा का चुनाव भी लड़ाया था इसके बावजूद सपा को यहां दो स्थानों पर सफलता मिली। सपा के खिलाफ अब तक मोर्चा खोलने वाले ये दलबदलू समाजवादी पार्टी के प्यारे हो गए हैं। माना जा रहा है कि इन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष पद बचाने के लिए समाजवादी पार्टी की शरण ली है। बिजनौर में सपा कार्यकर्ताओं में इस दल बदल पर भारी गुस्सा है और वे कह रहे हैं कि इससे बिजनौर में समाजवादी पार्टी और कमजोर होगी भले ही आज राज्य में समाजवादी पार्टी की ही सरकार है।
कहा जाता है कि यूं तो समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी में नए लोगों के लिए एक तरह से रोक लगा रखी है, लेकिन यदि कोई राजनीतिक लाभ मिलता दिख रहा हो तो यह रोक प्रभावी नहीं है। सपा में पूरा राजनीतिक खेल ही जाति एवं मजहब से तय हो रहा है, यह संदेश सबको मालूम है। मुलायम सिंह यादव अपनी राजनीतिक जरूरतों को देखकर ही फैसले और पलटते हैं, नहीं तो हिंदूवादी नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को साथ लेकर और उसके खराब नतीजे देखकर उन्हें अपने से दूर नहीं करते। सब जानते हैं कि मुलायम सिंह यादव ने अमर सिंह का साथ किस लिए लिया था और किन कारणों से वह उनसे अलग हुए।
उधर लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि इनके सपा में शामिल होने के मौके पर राज्यमंत्री महबूब अली, राज्यमंत्री मूलचंद्र चौहान, राज्यमंत्री मनोज पारस, पूर्वमंत्री राजा गजनफर अली खॉ, पूर्व विधायक शेख सुलेमान, मुनव्वर अली (नजीबाबाद) मुन्ना सैफी, शेख मोहम्मद अरशद भी मौजूद थे। इन लोगों ने बाद में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से भी मुलाकात की और उन्हें सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत का भरोसा दिलाया।