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नई दिल्ली। रेडक्रॉस और रेड क्रेसेंट मूवमेंट के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद से भेंट की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के महासचिव डॉ एसपी अग्रवाल ने किया। प्रतिनिधिमंडल में ईरान, कतर, सऊदी अरब और तुर्की के रेड क्रेसेंट के सदस्य शामिल थे। इसमें अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस फेडरेशन और रेड क्रेसेंट जिनीवा के अवर महासचिव जगन चापागेन, आईएफआरसी, पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका के निदेशक इब्राहिम ओसमान, आईएफआरसी के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय प्रतिनिधिमंडल के अजमत उल्ला, आईएफआरसी के भारत स्थित मुख्य कार्यालय के जॉनरॉस और तुर्की, ईरान, कतर और सऊदी अरब की रेड क्रेसेंट सोसायटियों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह पहला मौका है, जब तुर्की, ईरान और कतर के रेडक्रॉस आंदोलन के सदस्य आपसी सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाने के लिए भारत की यात्रा पर आए है। उन्होंने कहा कि भूकंप जैसी आपदा और जन-स्वास्थ्य जैसी समस्याओं का हम सभी को सामना करना पड़ता है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि रक्तदान को लगातार प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए, क्योंकि इसकी मांग दिनों-दिन बढ़ रही है। उनका कहना था कि भविष्य में ऐसी कुछ और यात्राएं होनी चाहिए, जिससे और अधिक सहयोग कायम हो और आपदा के समय पर मिलकर कार्य किया जा सके। भारतीय रेडक्रॉस एक स्वयं सेवी मानवीय संगठन है जिसकी देशभर में 700 से अधिक शाखाएं है। यह आपदा/आपात स्थिति के समय राहत प्रदान करता है और लोगों के स्वास्थ्य और उनकी देखभाल में सहायता करता है।