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बायोटेक्‍नोलोजी इग्निशन ग्रांट स्‍कीम

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नई दिल्ली। जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव एमके भान ने महत्‍वाकांक्षी बायोटेक्‍नोलोजी इग्निशन ग्रांट (बीइआईजी) नामक स्‍कीम के लिए जैव प्रौद्योगिकी शोध के क्षेत्र में सभी हितकारी का ध्‍यान आकर्षित किया है। राष्‍ट्रीय राजधानी में भान ने संवाददाताओं से कहा कि जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद उन उद्यमियों तक अपनी सहायता का विस्‍तार करता है, जिनके पास रोमांचक विचार हैं तथा इग्निशन ग्रांट (बीआईजी) के रूप में आरंभिक और नियोजन के चरण में काम आ सकते हैं। उन्‍होंने कहा कि यह स्‍कीम खासतौर से खोज और आविष्‍कार के बीच खाई को पाटने में मदद करने वाले विपणन योग्‍य उत्‍पाद या बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में खोज के विकास और परिपक्‍वता के लिए बहुत शुरूआती चरण में अनुदान उपलब्‍ध कराने के जरिए शोध और खोज के व्‍यवसायीकरण को प्रोत्‍साहन देने के लिए तैयार की गई है। सचिव ने इस स्‍कीम के बारे में जानकारी दी।
बीआईजी स्‍कीम के मुख्‍य उद्देश्‍य हैं-परिकल्‍पना की स्‍थापना और प्रमाण को वैध करना। अतिरिक्‍त उ‍त्‍पाद के सृजन में समर्थ बनाना। योग्‍यता-जैव प्रौद्योगिकी शुरू करने वाले उद्यमी, इनक्‍यूबेटी, विद्यार्थी, शिक्षाविद् और वैज्ञानिक एवं उद्योग में शोध के अनुभवी या शैक्षिक शोधार्थी, अनुसंधान संस्‍थान, विश्‍वविद्यालय, सार्वजनिक और निजी सहायता प्राप्‍त (मुनाफा कमाने वाले संगठन नहीं) के साथ रोमांचक विचार वाले व्‍यक्ति जो प्रारंभिक और नियोजन के चरण में काम आ सकते हैं, आवेदन के पात्र हैं। आवेदक अनक्‍युबेटर में स्थित इनक्‍यूबेटी होना चाहिए या कार्यकारी अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला में पंजीकृत कंपनी होनी चाहिए।
प्रारंभिक कंपनी सिर्फ भारतीय कंपनियां जो पिछले 5 वर्ष में गठित की गई हों। कंपनी के 51 प्रतशित शेयर भारतीय, प्रवासी भारतीय के पास होने चाहिएं। कार्य क्षेत्र और सहायता-यह स्‍कीम जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उच्‍च स्‍तर की खोज और नवाचार के लिए है। बीआईजी स्‍कीम सिर्फ परिकल्‍पना के प्रभाव की अवस्‍था तक सहायता उपलब्‍ध कराती है। वित्तीय सहायता अनुदान सहायता के रूप में 50 लाख रूपए तक सीमित होगी। अध्‍ययन की अवधि आमतौर पर 18 वर्ष से अधिक नहीं होगी। वित्तीय सहायता सीमित बाजार शोध, पेटेंटिंग लागत, अवधि के दौरान कार्यकारी पूंजी, यात्रा, वेतन इत्‍यादि के लिए इस्‍तेमाल की जा सकती है।
जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद वर्ष में कम से कम दो बार अनुदान के लिए प्रस्‍ताव मंगाएगी। बीआईजी स्‍कीम देश भर में बीआईजी पार्टनर्स के जरिए लागू की जाएगी। बीआईजी पार्टनर्स मार्गदर्शन और संसाधन जुटाने संबंधी गतिविधियों के लिए सहायता प्रबंध, कानूनी और अनुबंध संबंधी सहायता और बीआईजी इननोवेटर्स के लिए बिजनेस विकास संबंधी गतिविधियों में मदद देंगे। वे लक्ष्‍य हासिल करने और धन के वितरण एवं कार्यशालाएं, बैठकें और यात्रा इत्‍यादि के आयोजन की निगरानी करेंगे।

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