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पोलियो पर अनुभव सीखने भारत आया पाकिस्‍तान

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गुलाम नबी आजाद, शाहनाज़ वज़ीर अली और उच्‍चस्‍तरीय प्रतिनिधिमंडल-ghulam nabi azad, sahahnajh wazir ali and high-level delegation

नई दिल्ली। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री की विशेष सहायक और पोलियो उन्मूलन पर फोकस में रही शाहनाज़ वज़ीर अली ने भारत के केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद से भेंट की। उनके साथ पाकिस्‍तान सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों का एक उच्‍चस्‍तरीय प्रतिनिधिमंडल भी था। शाहनाज़ वज़ीर अली, मुख्‍य रुप से इस बारे में विचार-विमर्श के लिए आईं हैं कि पोलियो वायरस के संचरण को रोकने के लिए भारत ने क्‍या प्रमुख कदम उठाएं हैं। प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भारत और पाकिस्‍तान में बहुत सी चीजें एक जैसी हैं और इसलिए मां और बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य, सरकारी क्षेत्र में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की चुनौतियां, डॉक्‍टरों एवं अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य पेशेवरों की कमी जैसे मुद्दे भी दोनों के लिए चिंता का विषय हैं।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पोलियो पर काबू पाने में हाल में मिली सफलता मनोबल को बढ़ाने वाली है और उम्‍मीद जागृत करती है कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक बच्‍चे को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पोलियो में मिली सफलता का श्रेय उच्‍च स्‍तर पर दृढ़ प्रतिबद्धता का नतीजा है, भारत सरकार ने सुनिश्चित किया है कि 12000 करोड़ रूपए से अधिक की घरेलू सहायता, के साथ अन्‍य साज सामान का प्रबंध राज्‍य स्‍तर पर किया जाए, स्‍वास्‍थ्‍य राज्‍य का विषय है। प्रतिनिधिमंडल को इस कार्य की जटिलता की जानकारी देते हुए उन्‍होंने बताया कि प्रत्येक राष्‍ट्रीय टीकाकरण दिवस के दिन भारत 17 करोड़ बच्‍चों से निपटता है। पल्‍स पोलियो अभियान में सक्रिय निगरानी तंत्र, नवीन संचार रणनीतियों और लगातार तैयारियों के लिए त्‍वरित प्रतिक्रिया दलों के होने के बावजूद करीब 24 लाख स्‍वयंसेवी, 1.5 लाख सुपरवाइजर इस कार्य में लगे हैं। उन्होंने पाकिस्‍तानी प्रतिनिधिमंडल को मंत्रालय के चलाए जा रहे अन्‍य राष्‍ट्रीय कार्यक्रमों को देखने के लिए भी आमंत्रित किया।
शाहनाज़ वज़ीर अली के नेतृत्‍व में नौ सदस्‍यीय प्रतिनिधिमंडल ने चुनौतियों के बावजूद पिछले दो वर्षों में भारत की पोलियो से निपटने में की गई प्रगति की सराहना की। पलायन करने वाले लोगों सहित दोनों देशों के सामने मौजूद मुद्दों पर शाहनाज़ ने कहा कि भारतीय स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों और भारत में सहयोगियों ने जो रणनीतियां अपनाई हैं वह पोलियो जैसी बीमारी का सामना कर रहे किसी भी देश के लिए दिशा निर्देश का काम कर सकती हैं। उन्‍होंने बताया पाकिस्‍तान में पोलियो के 75 प्रतिशत से अधिक मामले पलायन करने वाले पश्‍तून समुदाय में है। हम पलायन करने वाले लोगों की खोज और टीकाकरण के बारे में भारत के अनुभवों से सीखना चाहते हैं। प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्‍त सचिव अनुराधा गुप्‍ता और राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के मिशन निदेशक और सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ विस्‍तृत विचार विमर्श किया।
पाकिस्‍तानी प्रतिनिधिमंडल में पोलियो के राष्‍ट्रीय कार्य बल के सदस्‍य डॉ अजरा फज़ल पेशुहो, प्रधानमंत्री के पोलियो निगरानी प्रकोष्‍ठ में राष्‍ट्रीय समन्‍वयक बाबर मुहम्‍मद और डॉ अल्‍ताफ बोसन शामिल थे। अफगानिस्‍तान और नाइजीरिया के अलावा पाकिस्‍तान दुनिया के उन तीन देशों में से एक है, जो पोलियो की बीमारी का सामना कर रहे हैं। वर्ष 2012 में अब तक पाकिस्‍तान में पोलियो के 15 मामले सामने आए हैं, जबकि 2011 में 198 मामले सामने आए थे। अपने प्रचंड आपात उन्‍मूलन कार्यक्रम से पाकिस्‍तान पिछले साल इसी समय की तुलना में पोलियो के मामले आधे तक लाने में सफल रहा है। भारत में एक वर्ष में पोलियो का एक भी ताजा मामला सामने नहीं आने के बाद उसे फरवरी 2012 में पोलियो से ग्रस्‍त देशों की सूची से हटा दिया गया।

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