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'वेश्याओं को बेटियों के रूप में अपनाया'

डेरा सच्चा सौदा की मानवतावादी पहल

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संत गुरू गुरमीत राम रहीम सिंह-sant gurumeet ram rahim singh

सिरसा-हरियाणा। डेरा सच्चा सौदा के संत गुरू गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने घोषणा की है कि वेश्याओं को वैश्यावृत्ति की दलदल से निकालकर डेरा सच्चा सौदा उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का कार्य करेगा इसकी पहल करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्यावृत्ति छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने वाली लड़कियों को वे अपनी बेटियों के रूप में अपनाएंगे। एचआईवी पीड़ितों का होगा समुचित उपचार, बीमार लड़कियों का इलाज कराया जाएगा, लाचार और बीमार लड़कियों की तन्दरूस्त होने पर शादी कराई जाएगी, यही नहीं वैश्यावृत्ति छोड़ने वाली लड़कियों को रोजगार और उनके लिए अलग से कॉलोनी बनाकर देने पर भी विचार किया जा रहा है। इन लड़कियों से शादी करने वाले नवयुवकों को दिया 'भक्त-योद्धा' का खिताब दिया जाएगा। डेरा सच्चा सौदा में टीमों का गठन किया जा रहा है जो लड़कियों को जालसाजों के चंगुल से छुड़वाएंगी।
डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता ने कहा कि मानवता की सेवा के लिए विश्वविख्यात डेरा सच्चा सौदा के संत गुरू गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां ने वेश्याओं के पुनर्रोत्थान का ऐतिहासिक बीड़ा उठाया है। जिस प्रकार से गुरूजी ने यह मुहिम शुरू की है और साधु संगत में इस बुराई को खत्म करने का जज्बा भरा है वह एक ऐतिहासिक कदम है जिसकी शायद कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। गुरूजी के एक आह्वान पर वैश्यावृत्ति छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने वाली लड़कियों से शादी करने के लिए केवल दो-तीन दिन के अन्दर ही सौ से अधिक नौजवान आगे आ गए हैं। इन नवयुवकों का ऐसा जज्बा निश्चय ही दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर करता है। ऐसे नवयुवकों को गुरूजी ने 'भक्त-योद्धा' के खिताब से नवाजा है और ऐसी लड़कियां जो इस दलदल से बाहर आकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होंगी उन्हें अपनी बेटियों के रूप में अपनाने का ऐलान किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा की ओर से समाज को एक नई दिशा देने और ऐसे समाज की दशा सुधारने की ऐतिहासिक पहल का स्वागत हो रहा है। इसके अतिरिक्त गुरूजी ने एच आईवी से पीड़ित ऐसी लड़कियों के समुचित इलाज और लाचार-गरीब बीमार लड़कियों की स्वस्थ होने पर शादियां करना और विवाह योग्य तंदुरुस्त लड़कियां की तुरन्त शादियां करवाना इस तरह से तीन प्रकार के प्रावधान रखे हैं। बुराईयां छोड़कर समाज की मुख्यधारा में आनेवाली ऐसी लड़कियों के लिए सभ्य रोजगार देने के बारे में भी डेरा सच्चा सौदा में विचार चल रहा है।डेरा सच्चा सौदा ने 'वैश्यावृत्ति रूपी' बीमारी को समाज से निकालने की जो व्यवहारिक तैयारियां की हैं उसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है।

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