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नई दिल्ली। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में केंद्रीय सहायता 90 और 10 के अनुपात में किये जाने व प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में वन स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल किये जाने का अनुरोध किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सोमवार को प्रधानमंत्री को दो पत्र लिखे हैं।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में केंद्र सरकार से राशि का आवंटन उत्तर पूर्वी राज्यों व जम्मू और कश्मीर के समान ही 90 और 10 के अनुपात में किये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को विशिष्ट श्रेणी का राज्य होने के बावजूद इस योजना में केंद्रीय सहायता 50 और 50 के अनुपात में दी जा रही है, जो कि न्याय संगत नहीं है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने अपने उत्तराखंड दौरे में 90 और 10 के अनुपात में सहायता दिये जाने पर सहमति दी थी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में प्रस्तावित सड़कों के लिए वन स्वीकृति की प्रक्रिया को संशोधित करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत प्रस्तावित प्रोजेक्टों की स्वीकृति केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर पर ही दिये जाने की व्यवस्था हो। वर्तमान में स्टेट एडवाईजरी ग्रुप की बैठक 5 हेक्टेयर तक की वन भूमि स्वीकृति के लिए की जाती है। इसे बढ़ाकर 20 हैक्टेयर किया जाए। सीमांत सड़कों की शीघ्र स्वीकृति के लिए अपनाई गई सरलीकृत व्यवस्था को पीएमजीएसवाई के लिए भी अपनाया जाए। मुख्यमंत्री ने पत्र में पीएमजीएसवाई के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालयों में विशेष सैल की स्थापना का भी सुझाव दिया। नक्सल ग्रस्त क्षेत्रों के समान ही उत्तराखंड को भी पीएमजीएसवाई सड़कों के लिए क्षतिपूर्ति वनारोपण से छूट दी जाए व एनपीवी की प्रतिपूर्ति ग्रामीण विकास मंत्रालय राज्य सरकार को करे।