स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में कंडी बॉल से आए तीस छात्रों के एक दल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील से भेंट की। ये बच्चे सेना के ऑपरेशन सद्भावना के अंतर्गत नई दिल्ली आये हैं, जिसका संचालन राष्ट्रीय राइफल्स की 47वीं बटालियन कर रही है। ये छात्र जम्मू-कश्मीर के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों से आये, इनमें से कई तो पहली बार घाटी से बाहर निकले हैं। इस यात्रा का उद्देश्य छात्रों और अध्यापकों को देश के लोगों और संस्कृति से अवगत कराना है। ये छात्र 10 दिन की अवधि में दिल्ली, देहरादून और मसूरी की यात्रा करेंगे। राजधानी में प्रवास के दौरान इन बच्चों का इंडिया गेट, लालकिला, जामा मस्जिद, अक्षरधाम और राजघाट देखने का कार्यक्रम है।
दिल्ली के विभिन्न भागों का दौरा करने के बाद इनमें से अनेक छात्रों ने राजधानी के उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययन करने की इच्छा व्यक्त की है। छात्रों और अध्यापकों से बातचीत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत एक विशाल देश है, जहां की भौगोलिक स्थिति अलग-अलग तरह की है। यहां कहीं समुद्र और महासागर हैं और कहीं पर्वत श्रृंखलाएं हैं। उन्होंने छात्रों को बताया कि सभी भारतीयों के मन में जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति सम्मान की भावना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस यात्रा से सद्भावना का प्रसार होगा। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि कोई भी कार्य करते समय राष्ट्र हित को सर्वोपरि रखें। छात्रों ने राष्ट्रपति से मिलकर एवं राष्ट्रपति भवन देखकर भारी प्रसन्नता व्यक्त की।
भारतीय सेना का सद्भावना कार्यक्रम काफी लोकप्रिय है। जम्मू-कश्मीर के दुर्गम स्थानों में रहने वाली विभिन्न समुदायों की प्रतिभाओं और स्कूली बच्चों को सेना समय-समय पर देशाटन के लिए घाटी के बाहर ले जाती है। भारतीय सेना ने इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय एकता और भारत भ्रमण से संबद्ध कर रखा है। सेना इन बच्चों को विभिन्न स्थलों की सैर कराती है। इससे राष्ट्रीय एकीकरण की दिशा में जहां कार्य के अवसर मिलते हैं वहीं राष्ट्रवाद की भावना भी मजबूत होती है। सेना इन बच्चों को कई दिन के लिए देश के दूर-दराज के इलाकों में ले जाती है जहां ये भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता से परिचित होते हैं।