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सूर्य पर शुक्र का काला टीका, एक दुर्लभ दृश्य

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नई दिल्ली। समाज के सभी वर्गों के बच्चों और बड़ों ने बुधवार को शुक्र ग्रह के संक्रमण का नजारा देखा जो एक सबसे दुर्लभ खगोलीय घटनाओं में से एक माना जाता है। शुक्र ग्रह का संक्रमण प्रातः 5 बजकर 22 मिनट पर शुरू होकर 10 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो गया। हालांकि बुधवार को प्रातःकाल आकाश में काफी अधिक बादल थे, किंतु सूर्योदय के साथ में ऐसा प्रतीत हुआ कि शुक्र ग्रह एक छोटे और गहरे गोले के रूप में सूर्य की ओर बढ़ रहा है। शुक्र ग्रह के इस संक्रमण के कारण सूर्य पर एक सुंदरता का चिन्ह बन गया था।
इस दृश्य का आनंद उठाने के लिए विज्ञान प्रसार कार्यालय परिसर में लगभग 300 दर्शक मौजूद थे। इस प्रकार के अगले दो संक्रमण दिसंबर 2117 और दिसंबर 2125 में होंगे। वैज्ञानिकों, छात्रों, पत्रकारों और आम जनता ने इस दुर्लभ खगोलीय घटना का पूरा लुत्फ उठाया। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन विज्ञान प्रसार की ओर से अपने कार्यालय परिसर में एक विशेष अवलोकन शिविर आयोजित किया गया। शिविर में विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ सुबोध मोहंती, प्रख्यात विज्ञान लेखक बिमान बसु और विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिकों के दल में शामिल कपिल त्रिपाठी, निमीश कपूर, डॉ भारत भूषण, डॉ राकेश उपाध्याय आदि ने इस अनोखी घटना को देखने आए लोगों के प्रश्नों के उत्तर दिये।
विज्ञान प्रसार के इस शिविर में कई गतिविधियों का भी आयोजन किया गया, जैसे-शुक्र ग्रह के संक्रमण का प्रत्यक्ष अवलोकन, घटना का वेब प्रसारण, दिन भर की खगोलीय गतिविधि, फिल्म शो, गतिविधि किट का प्रदर्शन, पुस्तक प्रदर्शनी और खगोलीय घटनाओं पर आधारित प्रश्नोत्तरी, मैजिक मीरर, बॉल माउंट मीरर, डार्क रूम, दूरबीन बनाना, नैनो सौर प्रणाली आदि।

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